हल्द्वानी। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे भूमि के अतिक्रमण हटाने के नाम पर चिन्हित हुए 4365 घरों को तोड़ने का मामला देश-विदेश में सुर्खियां बटोर रहा है। लगभग 50 हजार से ज्यादा आबादी ध्वस्तीकरण से प्रभावित होने के चलते इसके मानवीय पक्ष को लेकर भी बातें की जा रही हैं। आशियाना बचाने के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शनों के साथ ही सामूहिक दुआओं का भी आयोजन इस क्षेत्र में हो रहा है।
देशभर में इस मामले ने सियासी रूप भी धारण कर लिया है। कई राजनीतिक दल इसको लेकर फ्रंट फुट पर हैं।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के दस नेताओं का एक डेलिगेशन हल्द्वानी के बनभूलपुरा में भेजा है। जिसमें मुरादाबाद के सांसद और बहेड़ी के विधायक भी शामिल हैं।
बुधवार को इस प्रतिनिधि मंडल ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा प्रभावित इलाके में दौरा किया और लोगों से बात कर उनका दुख जाना। मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन ने यहां मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह जगह रेलवे के पास कहां से आई, यह जगह रेलवे ने किससे ली है,इसके प्रमाण नहीं हैं।
एसटी हसन ने कहा कि लोग यहां पर 100 सालों से अधिक से रह रहे हैं। लोगों के पास शिनाख्ती कार्ड हैं। स्कूल कॉलेज, अस्पताल, ट्यूबवेल समेत सरकार ने सारी सहूलियतें यहां पर लोगों को मुहैया कराई हैं। पक्के मंदिर-मस्जिद भी यहां बने हैं।
हसन ने कहा कि हम सियासत की बात करने नहीं आए, क्योंकि सियासत इंसानों से बढ़कर नहीं है। सपा प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे सांसद एसटी हसन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने नागरिकों की सुरक्षा ज़रूर करेंगे।
Edited By : Chetan Gour