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Politics: बनते- बनते क्‍यों बिगड़ गई कांग्रेस में पीके की बात?

हमें फॉलो करें Politics: बनते- बनते क्‍यों बिगड़ गई कांग्रेस में पीके की बात?
, शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022 (15:16 IST)
लंबे समय से कांग्रेस और प्रशांत किशोर यानी पीके के बीच राजनीति की जुंगलबंदी चल रही थी। एक समय तो ऐसा भी आया कि लग रहा था कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और पीके ने कांग्रेस का ऑफर ठुकरा दिया।

पार्टी ने भले ही उनके 'तलाक' की असली वजह का खुलासा नहीं किया है, लेकिन पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसका कारण उनका 'आखिरी दिन आखिरी मिनट में गोलपोस्ट बदलना है।

सूत्रों ने कहा कि शुरुआत में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने जब पीके को ठंडे बस्ते में डाल दिया, तब उन्होंने नेताओं जयराम रमेश और के.सी. वेणुगोपाल के माध्यम से राहुल गांधी से मुलाकात की।

बाद में राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिलवाया, जिन्होंने उनके सुझावों को देखने के लिए एक समिति बनाई। शुरुआत में पीके गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों का प्रबंधन करना चाहते थे और बदले में उन्हें बिहार कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना था। सोनिया गांधी और पार्टी के नेताओं ने उनकी शर्त पर सहमति व्यक्त की और यह भी कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों के प्रबंधन के लिए टीम का हिस्सा बनें।

पीके ने तब एक प्रेजेंटेशन पर जोर दिया, जिस पर पार्टी के कुछ नेता सहमत थे, जबकि कुछ असहमत थे, लेकिन सभी का मानना था कि पीके ऑनबोर्ड हों। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जब कांग्रेस ने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप बनाने का विचार रखा, तो पीके पीछे हट गए और मांग की कि उन्हें सीधे पार्टी अध्यक्ष को रिपोर्ट करने वाले टीम लीडर का पद दिया जाए। कांग्रेस ने इससे इनकार कर दिया और उनकी सौहार्दपूर्ण ढंग से विदाई कर दी गई।

कांग्रेस ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि चुनावी रणनीतिकार पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने 2024 के आम चुनावों के लिए एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। सोनिया गांधी द्वारा समिति के गठन की घोषणा के एक दिन बाद यह घोषणा की गई।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा- "प्रशांत किशोर के साथ एक प्रेजेंटेशन और चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने एक अधिकार प्राप्त कार्य समूह 2024 का गठन किया है और उन्हें परिभाषित जिम्मेदारी के साथ समूह के हिस्से के रूप में पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हम पार्टी को दिए सुझावों के लिए उनकी सराहना करते हैं"

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