हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को हुई भगदड़ के बाद एटा के जिला अस्पताल के शवगृह में 27 शव लाए गए थे जबकि कुछ शवों को अलीगढ़ सहित आसपास के इलाकों के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया। राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार घटना में 121 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
तिवारी ने कहा कि लगभग सभी मामलों में मौत का कारण दम घुटना पाया गया। उन्होंने बताया कि मृतकों में अधिकांश 40-50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि यहां 4 मरीज लाए गए थे, जिनमें से एक को प्राथमिक उपचार के बाद ही छुट्टी दे दी गई। दो अन्य खतरे से बाहर हैं और एक गर्भवती महिला का उपचार जारी है जिसकी हालत स्थिर है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (सकीट क्षेत्र) संजय कुमार सिंह ने बताया कि एटा के सरकारी अस्पताल में लाए गए 27 शवों में से 21 की आधी रात तक पहचान हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। शवों की पहचान हो जाने के बाद प्रक्रिया पूरी करके उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।
सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के प्रवचन के बाद जब वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta