नई दिल्ली। शिवसेना ने शनिवार को भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत पाने में असफल रहती है तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के सर्वामान्य उम्मीदवार हो सकते हैं।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में यह टिप्पणी प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने के दो दिन बाद की गई है। उल्लेखनीय है कि इस समय भाजपा और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
इस लेख में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मंच पर गुरुवार को प्रणब मुखर्जी गए। इस पर खूब हो-हल्ला हुआ। कांग्रेसी नासमझ हैं, इसीलिए उन्होंने इस पर हंगामा किया। प्रणब तो दो पहले ही कह चुके थे कि उन्हें जो कहना है नागपुर जाकर ही कहेंगे। ऐसा लगा था कि प्रणब नागपुर जाकर कोई बम धमाका करेंगे, लेकिन यह तो फुस्सी बम निकला।
संपादकीय में आगे यह कहा गया है कि आरएसएस के थिंक टैंक भविष्य की राजनीति में ऐसे दौरों (प्रणब मुखर्जी उनमें से एक) का इस्तेमाल करेगी। उनके दिमाग में इस खास कार्यक्रम को लेकर क्या है वह सिर्फ 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त ही पता चला पाएगा।
इसमें कहा गया है कि दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए प्रणब मुखर्जी सर्वमान्य उम्मीदवार हो सकते हैं। अगर भाजपा चुनाव में लोकसभा के लिए जरूरी आंकड़े जुटाने में असफल रहती है तो मुखर्जी सर्वमान्य उम्मीदवार हो सकते हैं।