इंदौर। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि सरकार अलग-अलग देशों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के प्रयास में जुटी है कि भारतवंशी युवाओं को विदेशों में और सुरक्षित एवं भेदभावरहित माहौल मिले तथा उनके लिए बेहतर कार्यस्थल विकसित हों।
जयशंकर इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के पहले दिन युवा प्रवासी भारतीय दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम इस दिशा में मेहनत कर रहे हैं कि विदेशों में भारतवंशी युवाओं के लिए बेहतर कार्यस्थल विकसित हों, उन्हें यात्रा का और सुरक्षित अनुभव मिले तथा उनके साथ भेदभावरहित व्यवहार सुनिश्चित हो।
विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने विदेशों में भारतीय युवाओं को बेहतर वातावरण देने के लिए जर्मनी, डेनमार्क, पुर्तगाल, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ हाल ही में माइग्रेशन और मोबिलिटी को लेकर साझेदारी की है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने ऑस्ट्रिया के साथ हाल ही में वर्किंग हॉलीडे कार्यक्रम पर दस्तखत किए हैं और ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भारतीय पेशेवरों के लिए अधिक उदार वातावरण की पेशकश की है। आने वाले दिनों में कुछ और देश भारतीयों को वीजा देने और विदेश में उन्हें काम की अनुमति देने के प्रावधानों को उदार बनाएंगे।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को विश्व से जोड़ने के मामले में देश की युवा पीढ़ी काफी आगे है और यह पीढ़ी पढ़ाई, नौकरी और यात्राओं के जरिये दूसरे देशों से भारत के संबंध मजबूत कर रही है। हमारी भरसक कोशिश है कि हम भारतवंशी युवाओं को अपना अधिकतम सहयोग सुनिश्चित करें, ताकि वे उनके जायज लाभ और उपलब्धियां हासिल कर सकें।
जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि आज सबसे बड़ा फर्क यह आया है कि भारत का कद दुनिया में बढ़ा है और तकरीबन हर उस देश के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हुए हैं, जहां भारतीय समुदाय के लोग बसे हैं। यह बात इन देशों में आपके (प्रवासी भारतीयों) कद में भी झलकती है।
उन्होंने कहा कि आप हमारे समाज में आशावाद महसूस कर सकते हैं और युवाओं की भूमिका लगातार बड़ी हो रही है। आप स्टार्ट-अप, खेल, तकनीक के इस्तेमाल, पर्यटन जैसे क्षेत्रों में युवा भारत की लगातार बढ़ती ऊर्जा देख सकते हैं।
जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार विदेशों में भारतीय संस्कृति और परपंराओं को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अबू धाबी के एक मंदिर की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि विदेशों में हमारी श्रद्धा के केंद्र बढ़ रहे हैं और खासकर अबू धाबी में ऐसे ही एक केंद्र ने लोगों का खूब ध्यान खींचा है। (भाषा)