भोपाल। देश में 10 से अधिक राज्यों में 100 से अधिक स्थानों पर टेरर फंडिग को लेकर NIA ने कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन में भी NIA की टीम ने आधी रात को छापामार कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि इंदौर और उज्जैन से NIA की टीम ने PFI से जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। इंदौर में जवाहर मार्ग पर स्थित PFI के दफ्तर पर NIA ने छापा मार कार्रवाई कर उसके स्टेट लीडर्स को हिरासत में लिया गया है। वहीं उज्जैन से भी PFI के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्यप्रदेश में PFI के ठिकानों पर NIA की छापेमार कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि देश भर के साथ मध्यप्रदेश में भी NIA ने कार्रवाई की है। गृहमंत्री ने कहा कि PFI पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने का विचार किया जा रहा है। वहीं PFI पर NIA के छापे के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बड़ी बैठक कर रहे है।
मध्यप्रदेश में PFI पहले से शक के घेरे में-मध्यप्रदेश में पीएफआई पहले से ही सरकार के रडार पर था। सरकार को मिली इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक प्रदेश में कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया लगातार सक्रिय था और इससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है। खुफिया इनपुट के मुताबिक प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 500 से अधिक सदस्य सक्रिय है।
इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, खरगोन समेत प्रदेश के कई जिलों में इंटेलिजेंस का नेटवर्क फैला है। पिछले साल में इंदौर में चूड़ी विक्रेता की पिटाई के बाद थाने का घेराव करने के मामले में पीएफआई के शामिल होने के इनपुट मिले थे।
वहीं खरगोन में रामनवमी पर हुए हिंसक दंगे के तार भी कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया से जुड़े हुए पाए गए थे। दंगों की जांच में पीएफआई फंडिग के बात भी सामने आई थी। इसके साथ मध्यप्रदेश में कई अन्य घटनाओं में भी PFI के शामिल होने के इनपुट मिले थे।
आखिर क्या है PFI संगठन?-इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी कि एसडीपीआई इसका राजनीतिक संगठन है। एसडीपीआई के मूल संगठन पीएफआई पर विभिन्न असामाजिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लंबे समय से लगते आए है। इतना ही नहीं, पीएफआई के खिलाफ आरोप यह भी हैं कि विभिन्न इस्लामी आतंकवादी समूहों के साथ उसके कथित संबंध हैं। इसके साथ संगठन के महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट, स्टूडेंट के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया भी सक्रिय है।
गौरतलब है कि पीएफआई का नाम दिल्ली दंगों में भी सामने आया था इसके साथ लगातार हिंसा के मामलों में भी पीएफआई का नाम जुड़ता आया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच फैले हिंसक दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में जो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश की, उसमें भी इस बात का जिक्र था कि दंगे में पीएफआई का भी हाथ था। वहीं CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जब दिल्ली में दंगे हुए थे तब पीएफआई का ही नाम सामने आया था। इसके साथ दिल्ली के शाहीन बाग केस में भी PFI का नाम सामने आया था।