जम्मू। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर अमरनाथ यात्रा की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन जिला स्तर पर श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्थाओं से लेकर उनकी सुरक्षा के प्रति इंतजाम किए जाने लगे हैं। इतना जरूर है कि इस बार उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की आस लगाई जा रही है, वहीं अमरनाथ यात्रा पर खतरा भी बहुत ज्यादा होने की शंका जताई जा रही है।
अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान प्रशासन ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर नाशरी से जवाहर सुरंग तक किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 18 सदस्यीय क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) भी गठित की है।
इसी क्षेत्र में मौसम खराब होने व भूस्खलन से सबसे ज्यादा हाईवे प्रभावित होता है। वहीं कठुआ में श्रद्धालुओं के लिए एक स्वागत केंद्र भी होगा। इसके अलावा सभी नगर निकाय अपने-अपने कार्याधिकार क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मोबाइल टॉयलेट, आवासीय सुविधा, लंगर व सुरक्षा भी उपलब्ध कराएंगे। यह जानकारी सोमवार को जम्मू के मंडलायुक्त संजीव वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में श्री अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दी गई। अभी यात्रा की तिथि की घोषणा नहीं हुई है।
जिला उपायुक्त रामबन ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रद्धालुओं के शिविरों, लंगरों और शेल्टर शेड बनाए जाने के लिए सुरक्षित जगहों को चिन्हित किया गया है। इसके अलावा 18 सदस्यीय क्यूआरटी गठित की गई है। यह क्यूआरटी किसी भी आपात स्थिति को संभालेगी। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो पूरी यात्रा अवधि के दौरान आपस में लगातार संपर्क में रहते हुए रामबन-बनिहाल सेक्शन पर यात्रा को निर्विघ्न व सुचारु बनाएंगे।
जिला उपायुक्त रामबन को भी श्रद्धालुओं के ठहरने की सुविधा को और बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान मौसम के प्रतिकूल होने पर यात्रा को रोके जाने पर रामबन में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकती है। इस तथ्य को ध्यान में रखा जाए। जम्मू-श्रीनगर हाईवे के अक्सर बंद होने का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से कहा गया हे कि वह नाशरी से लेकर बनिहाल तक राजमार्ग को बहाल रखने व इसके निर्माण और मरम्मत संबंधी कार्य योजना भी साझा करें, ताकि श्रद्धालुओं के वाहनों के आवागमन को उसी के अनुरूप बनाया जाए।
जिला उपायुक्तों ने अपने-अपने कार्याधिकार क्षेत्र में श्रद्धालुओं के ठहरने व लंगर के लिए सुरक्षित स्थानों को चिन्हित किए जाने की जानकारी मंडलायुक्त को भी दी है। मंडलायुक्त ने जिला उपायुक्त कठुआ को प्रवेश द्वार लखनपुर में श्रद्धालुओं के लिए एक स्वागत केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा। उन्होंने यात्रा मार्ग पर विभिन्न जगहों पर वाटर कूलर और सैनिटेशन यूनिट्स स्थापित करने व यात्रा के दौरान सभी लंगरों और शिविरों में पेयजल-बिजली की नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने का भी निर्देश दिया।