राष्ट्रपति ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा, वह घटना बहुत ही दर्दनाक और खौफनाक थी। किसी भी सभ्य समाज में बहन, बेटियों के साथ इस तरह की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि कोलकाता कांड से निराश और भयभीत हूं। जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उस समय भी अपराधी अन्यत्र शिकार की तलाश में घात लगाए हुए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अकसर विकृत मानसिकता महिला को कमतर इंसान, कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखती है। समाज को ईमानदार, पूर्वाग्रहरहित आत्मावलोकन की जरूरत है और खुद से कुछ कड़े सवाल पूछने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि निर्भया मामले के बाद 12 वर्षों में बलात्कार की अनगिनत घटनाओं को समाज भूल चुका है, यह सामूहिक रूप से भूलने की बीमारी ठीक नहीं है। इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज सामूहिक स्मृतिलोप का सहारा लेते हैं। अब भारत के लिए इतिहास का सामना करने का समय आ गया है।
उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात से नाराज डॉक्टरों ने इंसाफ की मांग करते हुए देशभर में हड़ताल कर दी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 7 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट में कराया गया है।