नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गुरुवार को होने वाली अहम बैठक के पहले ही विपक्ष बिखरता दिखाई दे रहा है। जदयू ने राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर दी। विपक्षी खेमे ने अभी तक किसी नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन पूर्व लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास पर मुलाकात से इन अटकलों को बल मिला है कि वह दौड़ में आगे चल रही हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस चुनाव में भाजपा का दलित कार्ड चलता दिखाई दे रहा है। जदयू की कोविंद को समर्थन की घोषणा के बाद कांग्रेस तथा गैर राजग दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच गहन विचार विमर्श का दौर चला कि किस प्रकार विपक्ष को एकजुट रखा जाए।
विपक्ष की बैठक का समन्वय कर रही कांग्रेस ने उम्मीद जताया कि उन सभी दलों के नेता मुलाकात में शामिल होंगे जो 26 मई को सोनिया द्वारा दिए गए दोपहर के भोज में शामिल हुए थे। इस बीच एक वरिष्ठ वाम नेता ने कहा कि कुछ भी हो, हम चुनाव लडेंगे।
चुनाव के लिए कांग्रेस के विकल्प के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह एक काल्पनिक सवाल है तथा 17 जुलाई के चुनाव के लिए विपक्ष एक संयुक्त रणनीति के बारे में फैसला करेगा। तिवारी ने कहा कि बैठक के बाद एक स्पष्ट उत्तर उपलब्ध होगा।
सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि विपक्षी दल बैठक में संयुक्त रूप से किसी उम्मीदवार के बारे में फैसला करेंगे। इस बीच कुछ वाम नेताओं ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव के लखनऊ में योग दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में मौजूद होने का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए।
उधर, जदयू द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार कोविन्द का समर्थन करने संबंधी घोषणा को भी विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है जो अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहते हैं।