Prime Minister Modi's statement regarding voice of Global South : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकासशील देशों के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का संदेश यह है कि ग्लोबल साउथ अपनी स्वायत्तता चाहता है और वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है। मोदी ने विकासशील देशों के दूसरे डिजिटल शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में यह टिप्पणी की।
प्रधानमंत्री ने अगले साल से भारत में एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू करने की घोषणा की जो ग्लोबल साउथ की विकास प्राथमिकताओं पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा, इसका मुख्य उद्देश्य ग्लोबल साउथ की विकास समस्याओं के व्यावहारिक समाधान की पहचान करना होगा। शिखर सम्मेलन में करीब 130 देशों के नेताओं की भागीदारी के बारे में मोदी ने कहा कि इससे जो संदेश निकला वह यह है कि ग्लोबल साउथ वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है और वह स्वायत्तता चाहता है।
उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि आज लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई, अफ्रीका, एशिया और प्रशांत द्वीप समूह के लगभग 130 देशों ने इस एक दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लिया है। उन्होंने कहा, एक साल के भीतर ग्लोबल साउथ के दो शिखर सम्मेलनों का होना और आप में से बड़ी संख्या में लोगों का उनमें भाग लेना अपने आप में दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश है।
उन्होंने कहा, यह संदेश है कि ग्लोबल साउथ अपनी स्वायत्तता चाहता है। संदेश यह है कि ग्लोबल साउथ वैश्विक शासन में अपनी आवाज चाहता है। संदेश यह है कि वैश्विक दक्षिण वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ग्लोबल साउथ की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को उठाने वाली एक अग्रणी आवाज के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है।
जी20 अध्यक्ष के रूप में, भारत ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, जलवायु लचीलापन और न्यायसंगत वैश्विक स्वास्थ्य पहुंच जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को जी20 जैसे मंच के एजेंडे में ग्लोबल साउथ की आवाज को रखने का अवसर मिलने पर गर्व है।
उन्होंने कहा, भारत को गर्व है कि हमें जी20 जैसे महत्वपूर्ण मंच पर ग्लोबल साउथ की आवाज को एजेंडे में रखने का अवसर मिला। इसका श्रेय आपके मजबूत समर्थन और भारत में आपके दृढ़ विश्वास को जाता है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि जी20 शिखर सम्मेलन में उठाई गई आवाज की गूंज आने वाले समय में अन्य वैश्विक मंचों पर भी सुनाई देती रहेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण नाम का ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आज सुबह शुरू किया गया और यह विकासशील देशों के विकासात्मक मुद्दों से संबंधित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा, इस पहल के जरिए वैश्विक दक्षिण की समस्याओं का व्यावहारिक समाधान भी खोजा जा सकेगा। भारत ने जनवरी में पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट की मेजबानी की थी। (भाषा) Edited By : Chetan Gour