जयपुर। कांग्रेस की राजनीति में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जोड़ नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर हाईकमान को ठेंगा दिखाने वाले गहलोत अब भी पूरी ताकत के साथ कुर्सी पर जमे हुए हैं। सचिन पायलट काफी कोशिशों के बाद ही उन्हें हिला नहीं पाए। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह कहकर राजनीति को गरमा दिया कि अशोक गहलोत को मुझ पर बहुत भरोसा है। गहलोत की यह 'जादूगरी' जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में दिखी।
दरअसल, पीएम मोदी ने मंगलवार को अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की थी। जयपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद थे। हालांकि प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े।
मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा राज्य की रेलवे से जुड़ी कुछ मांगें रखे जाने की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि एक मित्र के नाते आप (गहलोत) जो भरोसा रखते हैं, उसके लिए मैं आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आप राजनीतिक आपाधापी और संकट के दौर से गुजर रहे हैं, इसके बावजूद कार्यक्रम में आए। मैं उनका स्वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को जयपुर में एक दिवसीय अनशन किया था।
आपके तो दोनों हाथों में लड्डू हैं : रेल मंत्री व रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, दोनों के ही राजस्थान से होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि और मैं गहलोत जी से कहना चाहता हूं कि आपके तो दोनों हाथों में लड्डू हैं। रेलमंत्री राजस्थान के हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं।
मेरे मित्र हैं गहलोत : उन्होंने आगे कहा कि जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, वो अब तक नहीं हो पाया... लेकिन आपका मुझ पर इतना भरोसा है कि आज आपने वो काम भी मेरे सामने रखे हैं। आप का यह विश्वास है... यही मित्रता की सच्ची ताकत है। और एक मित्र के नाते आप जो भरोसा रखते हैं, उसके लिए मैं आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं। इससे पहले, अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने गहलोत के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री, मेरे मित्र शब्द का इस्तेमाल किया।
गहलोत ने रखीं रेलवे से जुड़ी मांगें : वहीं, गहलोत ने अपने संबोधन में राजस्थान में रेलवे से जुड़ी मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री जी हमारे अपने ही हैं, राजस्थान के हैं। आजादी के बाद पहली बार राजस्थान का कोई व्यक्ति रेल मंत्री बना है। मैंने देखा है कि जिस राज्य का मंत्री बनता है, वह कम से कम रेलवे में तो अपने राज्य का ध्यान रखता ही है। मैं उम्मीद करता हूं कि अश्विनी वैष्णव जी जो मेरे क्षेत्र जोधपुर में पढ़े हैं, रहने वाले पाली के हैं... वह बिना संकोच आप (मोदी) से बात कर लेंगे कि राजस्थान में अधिक से अधिक काम कैसे हो।