प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोलने की आजादी पर भी कांग्रेस को घेरा। लता मंगेशकर के परिवार के साथ कैसा सलूक किया गया। यह भी सोचना चाहिए।
लता जी का परिवार गोवा से था। उनके छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने रेडियो पर सावरकर की एक कविता पढ़ी थी।
उनका गुनाह ये था कि उन्होंने वीर सावरकर की एक देशभक्ति से भरी कविता की रेडियो पर प्रस्तुति कर दी थी। 8 दिन के अंदर उन्हें निकाल दिया गया था। ये उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने बोलने की आजादी को लेकर होने वाली आचोचना का जवाब दिया।
इससे पहले, सोमवार को भी लोकसभा के अपने संबोधन में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कई बार पंडित नेहरू का जिक्र किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था, मैं हैरान हूं कि कांग्रेस कर्तव्य की बात से बौखला गई है।
मैं आपको बताना चाहता हूं, यह एक स्वतंत्र भारत है। हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन आजादी के साथ जिम्मेदारी भी आती है।
पीएम ने आज उच्च सदन में अपने संबोधन के दौरान कहा, यह वर्ष गोवा मुक्ति के 60 वर्ष होने का कालखंड है। जिस प्रकार सरदार पटेल ने हैदराबाद और जूनागढ़ के लिए रणनीति बनाई थी, अगर उसी तरह गोवा के लिए भी रणनीति बनाई गई होती तो 15 साल तक गोवा को ज्यादा गुलामी नहीं झेलनी पड़ती।
तबके प्रधानमंत्री को दुनिया में अपनी छवि बिगड़ने का खतरा था, इसलिए उन्होंने गोवा को 15 साल तक गुलामी में धकेले रखा। पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू ने सत्याग्रहियों को मदद देने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने तब कहा था, कोई धोखे में न रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे। कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है। अंदर के लोग चाहते हैं कि हम वहां फौज भेजें लेकिन हम वहां फौज नहीं भेजेंगे। जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो