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मोदी ने बिजनौर के लोगों से कहा, मुझे माफ कर दीजिए, प्रत्यक्ष आना चाहता था, लेकिन...

हमें फॉलो करें मोदी ने बिजनौर के लोगों से कहा, मुझे माफ कर दीजिए, प्रत्यक्ष आना चाहता था, लेकिन...
, सोमवार, 7 फ़रवरी 2022 (13:52 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिजनौर में एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 2017 से पहले यूपी में विकास की नदी का पानी ठहरा हुआ था। ये पानी नकली समाजवादियों के परिवार में, उनके करीबियों के यहां ठहरा हुआ था। 
पीएम मोदी ने कहा कि इन समाजवादियों को सामान्य मानवी की प्यास से कभी कोई मतलब नहीं रहा। वे सिर्फ अपनी प्यास बुझाते रहे, अपनी तिजोरियों की प्यास बुझाते रहे। प्रारंभ में मोदी ने स्थानीय लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि प्रत्यक्ष उपस्थित नहीं हो पाने के लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं। क्योंकि चुनाव आयोग से राहत मिलने के बाद सोच रहा था कि बिजनौर से चुनाव अभियान का प्रारंभ करूं, लेकिन खराब मौसम के कारण मेरा हेलीकॉप्टर नहीं निकल पाया।
 
उन्होंने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार किसानों के सम्मान और उनका अधिकार वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले पांच साल में गन्ना किसानों को डेढ़ लाख करोड़ रुपएसे ज्यादा का भुगतान किया गया। इतना तो पिछली दो सरकारों में मिलाकर नहीं किया गया। 
पहले की सरकारों में गन्ने की पर्ची से लेकर गन्ना बकाए के भुगतान तक हर जगह नकली समाजवादियों का ही बोलबाला था। पिछली सरकार में किसानों ने यूरिया के लिए लाठियां तक खाई हैं। ऐसे लोग कभी किसानों का भला नहीं कर सकते हैं। वे सिर्फ किसानों को धोखा दे सकते हैं। 
योगी सरकार की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि पहले की सरकार में गेहूं की जितनी सरकारी खरीद हुई थी, योगी जी की सरकार ने उससे दोगुने से भी ज्यादा गेहूं MSP पर खरीदा है। जो लोग आपको बहकाने की कोशिश कर रहे हैं, उनसे ये जरूर पूछिएगा कि जब उनकी सरकार थी तो वे लोग इस इलाके में, आपके गांवों में कितनी बिजली देते थे।
 
महिला सुरक्षा : मोदी ने योगी सरकार में महिला सुरक्षा की बात करते हुए कहा कि पिछली सरकारों में महिलाओं से, हमारी बहनों-बेटियों से छेड़छाड़ कितनी आम बात थी। हालात इतने खराब थे कि चेन लूटे जाने पर इस बात का शुक्र मनाया जाता था कि चलो जान तो बच गई। लेकिन, योगी सरकार में महिलाओं को घर से निकलते समय असुरक्षा का भाव नहीं होता। 

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