Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भारत सहित 25 से अधिक देशों में 30 अगस्त को होगा प्रकृति वंदन का आयोजन, PM मोदी ने की प्रशंसा

हमें फॉलो करें भारत सहित 25 से अधिक देशों में 30 अगस्त को होगा प्रकृति वंदन का आयोजन, PM मोदी ने की प्रशंसा
, गुरुवार, 27 अगस्त 2020 (20:45 IST)
हिन्दू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान (HSSF), (IMCTF) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा 30 अगस्त 2020 को प्रकृति वंदन का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिन्दू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान के राष्ट्रव्यापी अभियान द्वारा जनता में जागरूकता लाने के लिए संस्थान की पहल की प्रशंसा की है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का आधारभूत मूल्य है। 'प्रकृति वंदन' का आयोजन देश के 500 से अधिक केंद्रों और विश्व स्तर पर 25 से अधिक देशों में 30 अगस्त 2020 को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक प्रकृति माता के प्रति श्रद्धा प्रकट करने हेतु किया जा रहा है। यह वचुर्अल कार्यक्रम होगा।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संयुक्त उपक्रम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'वृक्ष वंदन' और 'वृक्ष आरती' प्रकृति के प्रति हमारे संरक्षण और प्यार को प्रदर्शित करते हैं। कार्यक्रम प्रकृति माता और धरती माता के प्रति अपनी श्रद्धा एवं सम्मान प्रदर्शित करने हेतु किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हिन्दू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान सनातन और वैश्विक मूल्यों का प्रचार करने के अपने प्रयास जारी रखे, जिसके परिणामस्वरूप प्रेम, सद्भाव, करुणा और भाईचारे जैसे मूल्यों का संदेश प्रसारित होता रहे। 

उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ सद्भाव से रहना हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। 130 करोड़ देशवासी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सभी कदम उठा रहे हैं। इसके परिणाम दिखाई भी दे रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में पेड़ और वनक्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। 

हिन्दू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान के इस कार्यक्रम के संयोजक महावीर जैन ने बताया कि इस संकट के समय में जब हम नए सामान्य को पुन: व्याख्याइत कर रहे हैं, प्रकृतिवंदन सबसे उपयुक्त कार्यक्रम है। यह हमें प्रकृति माता से जोड़ेगा। हम सब मिलकर एक निर्मल वातावरण की रक्षा करने के लिए और पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए एक महान कार्य के लिए हाथ मिलाएं।
webdunia

इस काम के परिणामस्वरूप बिगड़ा पारिस्थितिक संतुलन ठीक होता जाएगा। हम अपने प्रमाणिक प्रयास शुरू करें और उन्हें कार्यान्वित करें। प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना हमारी भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न और अनूठा हिस्सा रहा है।

यह पारंपरिक प्रथाओं, धार्मिक विश्वासों, अनुष्ठानों, लोककथाओं, कलाओं और शिल्पों और भारतीय लोगों के दैनिक जीवन में से बहुतायत प्रदर्शित होता आया है। प्रकृतिवंदन कार्यक्रम में देश के विभिन्न पर्यावरणप्रेमी, संस्थाओं के प्रतिनिधि के साथ-साथ संघ के स्वयंसेवक सपरिवार अपने-अपने घर के निकट लगे पेड़-पौधों की पूजा करेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

विराट कोहली को 'बड़ी खुशी' ऑस्ट्रेलिया में मिलेगी या भारत में?