नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से बोहरा, पसमांदा और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों सहित समाज के हर वर्ग तक पहुंचने और बगैर किसी चुनावी लाभ की लालसा के उनके लिए काम करने का आह्वान किया। भाजपा सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 2 दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में करीब 400 दिन बचे हैं और इसलिए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरे समर्पण के साथ समाज के हर वर्ग की सेवा करने में जुट जाना है।
बैठक में शामिल पार्टी के विभिन्न नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सूफीवाद के बारे में बहुत कुछ कहा और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा कि वे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों से मिलें और उनसे जुड़ने के लिए विश्वविद्यालयों और चर्च जैसी जगहों का दौरा करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के जीवन का सर्वोत्तम समय आने वाला है, इसलिए ऐसे समय में देश के विकास में योगदान देने के लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से यह आह्वान भी किया कि वे अमृत काल को कर्तव्य काल में परिवर्तित करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दें, तभी देश को तेजी से आगे ले जाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पार्टी को अति आत्मविश्वास की भावना के प्रति भी आगाह किया और 1998 में मध्य प्रदेश में भाजपा की हार का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार की अलोकप्रियता के बावजूद भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। मोदी उन दिनों में मध्य प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक मामलों का काम देखते थे।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा अब केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन में रूपांतरित हो गई है। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को फिल्मों जैसे अप्रासंगिक मुद्दों पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक इन सब मुद्दों पर पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया भाजपा के विकास के एजेंडे को ठंडे बस्ते में डाल देती हैं, वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी प्रधानमंत्री के संबोधन की जानकारी मीडिया से साझा की।
बकौल फडणवीस, मोदी ने कहा कि भारत के जीवन का सर्वोत्तम काल आ रहा है और हम इसे सामने आते देख रहे हैं। ऐसे समय में हम लोग मेहनत में पीछे ना रहें। प्रयत्नों की पराकाष्ठा करें। अपने जीवन का क्षण-क्षण और अपने शरीर का कण-कण हम भारत की विकास गाथा में लगाएं।
फडणवीस के मुताबिक मोदी ने कहा कि 'अमृत काल' को 'कर्तव्य काल' में परवर्तित करने से ही देश को आगे ले जाया जा सकता है। ज्ञात हो कि भारत की आजादी के 75 वर्ष से 100 वर्षों तक के सफर को प्रधानमंत्री अक्सर अमृत काल कहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 18-25 आयु वर्ग के लोगों ने भारत का राजनीतिक इतिहास नहीं देखा है और उन्हें पिछली सरकारों के तहत हुए भ्रष्टाचार और गलत कामों के बारे में जानकारी नहीं है।
उन्होंने केंद्र की पिछली सरकारों पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा इसलिए उन्हें जागरूक करने की जरूरत है। उन्हें भाजपा के सुशासन के बारे में बताएं। अपने संबोधन के दौरान मोदी ने भाजपा के विभिन्न मोर्चों को सीमाई क्षेत्रों में अपने कार्यक्रम करने, आकांक्षी जिलों के विकास में योगदान देने, काशी-तमिल संगमम की तर्ज पर अन्य भाषाओं से जुडे़ कार्यक्रमों का आयोजन करने और पार्टी के प्राथमिक सदस्यों का जिलेवार सम्मेलन करने का सुझाव दिया।
फडणवीस ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि 'बेटी बचाओ' अभियान की तर्ज पर उन्हें 'धरती बचाओ' अभियान शुरू करना होगा। उन्होंने कहा कि जो संकल्प लेते हैं, वही इतिहास रचते हैं। भाजपा को संकल्प लेना होगा और इतिहास भी बनाना होगा।
फडणवीस ने कहा कि आज का प्रधानमंत्री का उद्बोधन प्रेरक, दिशा तय करने वाला और नई राह दिखने वाला था। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक भाषण नहीं था। उनका भाषण एक स्टेट्समैन का भाषण था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta