नई दिल्ली। भारत में अमीरों और गरीबों के बीच अंतर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऑक्सफेम (oxfam) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 21 अरबपतियों के पास देश के 70 करोड़ लोगों से ज्यादा दौलत है।
विश्व आर्थिक मंच की बैठक के पहले दिन ऑक्सफेम द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के बाद नवंबर 2021 तक अधिकतर भारतीयों को सेविंग्स बचाने के लिए जूझना पड़ा। इस दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में 121 फीसदी का इजाफा हुआ। कोरोना काल में भी भारत के अरबपतियों की संपत्ति में प्रतिदिन 3 हजार 608 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 में भारत में 102 अरबपति थे, 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 166 हो गई। देश के सबसे अमीर 1 प्रतिशत लोगों के पास आधी आबादी की 13 गुना संपत्ति है।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार केवल मुट्ठी भर लोगों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, सबसे अमीर 21 भारतीयों के पास देश के 70 करोड़ लोगों से ज्यादा संपत्ति है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, सबसे अमीर 21 भारतीय अरबपतियों के पास 70 करोड़ भारतीयों की तुलना में अधिक संपत्ति है। भारत के शीर्ष एक प्रतिशत के पास अब कुल संपत्ति का 40.5 प्रतिशत हिस्सा है। कोरोना के बाद से भारत के अरबपतियों की संपत्ति में 121 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह सरकार की वजह से है, जो मुट्ठी भर लोगों के लिए काम करती है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, सबसे ग़रीब, 50% आबादी का GST में योगदानः 64% सबसे अमीर, 10% आबादी का GST में योगदानः 3%, गब्बर सिंह टैक्स - अमीरों को छूट, ग़रीबों को लूट
उल्लेखनीय है कि राहुल लगातार सरकार पर अरबपति मित्रों की मदद का आरोप लगाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के अरबपति मित्र नहीं, भारत के छोटे उद्योग देश के करोड़ों युवाओं को रोजगार देकर चीन से मुकाबला कर सकते हैं।
इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बागपत में भी उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री अरबपतियों का लाखों-करोड़ों रुपये का कर्जा एक मिनट में माफ कर देंगे, लेकिन किसान के भूखा मरने के बाद भी उसका कर्जा माफ नहीं करेंगे।