अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के किसानों से धरती माता की सेवा के लिए 'प्राकृतिक खेती' तकनीक अपनाने की अपील की। मोदी ने यह बात उत्तर गुजरात के कडवा पाटीदार कृषक समुदाय की देवी मां उमिया के मंदिर के तीन दिवसीय शिलान्यास समारोह के समापन समारोह में एक रिकॉर्डेड वीडियो संबोधन में कही।
उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक उपज की इच्छा ने किसानों को मिट्टी की परवाह किए बिना उर्वरकों और रसायनों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, मैं यहां आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मां उमिया की सेवा करते हुए धरती मां को न भूलें।
उन्होंने कहा, मां उमिया के बच्चों को धरती मां को भूलने का कोई अधिकार नहीं है। हमारे लिए, दोनों एक ही हैं, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मां उमिया की उपस्थिति में संकल्प लें कि आप उत्तर गुजरात को प्राकृतिक खेती की ओर ले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती का मतलब शून्य बजट खेती भी है और किसानों को अपनी जमीन के एक हिस्से को अलग करके या हर वैकल्पिक वर्ष में प्राकृतिक और नियमित खेती करके धीरे-धीरे इसे अपनाने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, यह लागत बचाएगा और परिवर्तन लाएगा, धरती मां में एक नई चेतना लाएगा, और आप आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छा काम करेंगे। मोदी ने कहा कि वह 16 दिसंबर को गुजरात में एक कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती पर भी बोलेंगे।
उन्होंने कहा, मैं आप सभी से मां उमिया के आशीर्वाद से प्राकृतिक खेती को समझने, स्वीकार करने और आगे बढ़ाने का अनुरोध करूंगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के नए प्रयास गुजरात के विकास में योगदान देंगे।(भाषा)