नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘सबसे अधिक खतरा’ मंडराने की सूचना के आलोक में राज्यों को नए सुरक्षा दिशानिर्देश जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि यहां तक कि मंत्रियों एवं अधिकारियों को भी विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) की इजाजत के बगैर प्रधानमंत्री के बेहद करीब पहुंचने की अनुमति नहीं होगी।
इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री पर सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है और 2019 के आम चुनाव से पहले वह सबसे अधिक निशाने पर हैं।
मंत्रालय ने अपने परिपत्र में ‘मोदी को अज्ञात खतरे’ का हवाला देते हुए कहा है कि किसी को भी यहां तक कि मंत्रियों एवं अधिकारियों को भी उनकी विशेष सुरक्षा घेरे की इजाजत के बगैर उनके करीब पहुंचने की अनुमति नहीं होगी।
समझा जाता है कि एसपीजी ने सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्य प्रचारकर्ता मोदी को 2019 के आम चुनाव के सिलसिले में रोडशो कम करने और उसके बजाय जनसभाएं करने की सलाह दी है क्योंकि रोडशो के दौरान खतरे का डर अधिक होता है एवं जनसभाओं का प्रबंधन आसान होता है।
प्रधानमंत्री की करीबी सुरक्षा टीम को नए नियमों तथा खतरा आकलन से अवगत करा दिया गया है और उन्हें जरूरत के हिसाब से मंत्री एवं अधिकारी की भी जांच करने का निर्देश दिया गया है।
पुणे पुलिस द्वारा सात जून को अदालत में यह कहे जाने के बाद कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से कथित संबंध को लेकर गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में एक के दिल्ली निवास से उसे एक पत्र मिला है और उस पत्र में राजीव गांधी की भांति ही नरेंद्र मोदी की हत्या करने की कथित योजना का जिक्र है, प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की हाल में बड़ी बारीक समीक्षा की गई है।
इसके अलावा, हाल ही में प्रधानंमत्री मोदी की पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान एक व्यक्ति उनका चरण स्पर्श करने के लिए सुरक्षा के सात घेरे को तोड़ते हुए उन तक पहुंच गया।
इन घटनाओं के बाद गृहमंत्री राजनाथसिंह ने प्रधानमंत्री की जिंदगी पर खतरे के बारे में सूचनाएं मिलने के आलोक में उनकी सुरक्षा की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो के प्रमुख राजीव के साथ बैठक की।
उस बैठक में गृहमंत्री ने निर्देश दिया था कि प्रधानमंत्री के सुरक्षा इंतजाम में उपयुक्त मजबूती लाने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे माओवाद प्रभावित राज्यों को गृह मंत्रालय ने संवेदनशील घोषित किया है और इन राज्यों के पुलिस प्रमुखों को उनके राज्यों में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान अतिरिक्त चौकसी बरतने को कहा गया है। माना जाता है कि सुरक्षा एजेंसियां केरल के पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर विशेष नजर रख रही है। समझा जाता है कि यह संगठन चरमपंथी संगठनों का शीर्ष संगठन है। (भाषा)