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प्रियंका गांधी का राहत पैकेज को अनुदान में बदलने का आग्रह, पीएम मोदी को लिखा पत्र

उन्होंने यह भी कहा कि 529.50 करोड़ का राहत पैकेज पर्याप्त नहीं है तथा वायनाड त्रासदी को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित नहीं करने से वहां के लोगों में निराशा है।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , सोमवार, 24 फ़रवरी 2025 (15:36 IST)
Priyanka Gandhi News: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वायनाड भूस्खलन त्रासदी को लेकर घोषित राहत पैकेज को अनुदान में बदला जाए तथा इसके क्रियान्वयन की अवधि बढ़ाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि 529.50 करोड़ का राहत पैकेज पर्याप्त नहीं है तथा इस त्रासदी को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित नहीं करने से वहां के लोगों में निराशा है।
 
वायनाड में भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी : वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्र में 30 जुलाई 2024 को हुए भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हुए थे। इस आपदा ने इन दोनों क्षेत्रों को लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया था। वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा कि वायनाड की सांसद के रूप में मुझे लगा कि यह मेरा कर्तव्य है कि मैं आपको अपने निर्वाचन क्षेत्र में चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों की दुर्दशा से अवगत कराऊं। यह वास्तव में हृदयविदारक है कि एक भयानक त्रासदी से उनका जीवन और आजीविका के नष्ट होने के 6 महीने बाद भी वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश में अकल्पनीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।ALSO READ: पद्मश्री वैज्ञानिक सोनकर ने उठाए CPCB की रिपोर्ट पर सवाल, कहा- प्रयागराज के गंगाजल में बैक्टीरिया नहीं
 
उन्होंने भूस्खलन से हुई तबाही का उल्लेख करते हुए कहा कि केरल के सांसदों के लगातार आग्रह के बाद केंद्र सरकार ने हाल ही में तबाही के पीड़ितों के लिए 529.50 करोड़ रु. के राहत पैकेज की घोषणा की है जो कि अपर्याप्त है।
 
प्रियंका गांधी का कहना कि यह पैकेज 2 शर्तों के साथ : प्रियंका गांधी का कहना था कि यह पैकेज 2 शर्तों के साथ है। पहली शर्त है कि जो धनराशि वितरित की जाएगी, वो अनुदान के रूप में नहीं, बल्कि ऋण के रूप में दी जाएगी। दूसरी शर्त है कि राशि को 31 मार्च, 2025 तक पूरी तरह से खर्च किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ये शर्तें न केवल बेहद अनुचित हैं, बल्कि चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी भी दर्शाती हैं।
 
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र में कहा कि इस भीषण त्रासदी के बाद आपने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। आपके दौरे से केंद्र सरकार से काफी आर्थिक मदद की उम्मीदें जगी हैं। दुर्भाग्य से वे अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा आपदा को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने से इनकार करना पीड़ितों के लिए एक झटका था। कई महीनों बाद, केरल के सांसदों के लगातार दबाव के बाद, आपदा को गंभीर प्रकृति की आपदा'' घोषित करना सही दिशा में उठाया गया कदम लगा था।ALSO READ: UP Board की परीक्षा शुरू, परीक्षार्थियों का तिलक और पुष्पवर्षा करके स्वागत
 
प्रियंका गांधी के अनुसार इस अपर्याप्त और सशर्त राहत पैकेज की घोषणा बेहद निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि वायनाड के लोग इस आपदा से बाहर निकलने के लिए हरसंभव सहायता और समर्थन के पात्र हैं। मैं आपसे उनकी दुर्दशा पर दया भाव से विचार करने का आग्रह करती हूं। कांग्रेस महासचिव ने आग्रह किया कि राहत पैकेज को अनुदान में बदलें और इसके क्रियान्वयन की समयावधि बढ़ाएं। इससे उन्हें अपने जीवन को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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