बिजनौर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने रविवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों, मजदूरों और किसानों के खिलाफ है। उनसे भारतीय होने का सुबूत मांगना भाजपा की मानसिकता दर्शाता है। भारतीय होने का सबूत मांगने का अधिकार किसी को नहीं है।
प्रियंका रविवार को अचानक बिजनौर पहुंचीं और गत शुक्रवार को बिजनौर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नहटौर इलाके में हुए हिंसक प्रदर्शन में मारे गए अनस और सुलेमान नामक व्यक्तियों के घर गईं। उन्होंने मृतकों के परिजन से मुलाकात की और उनके प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रियंका हिंसा के दौरान पथराव में घायल हुए एक युवक के घर भी गईं।
उन्होंने कहा कि इस हिंसा की न्यायिक जांच होनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना संवैधानिक अधिकार है। कांग्रेस इस मामले को संसद में उठाएगी और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाएंगे।
उन्होंने कहा कि जीडीपी की दर इससे पहले कभी इतनी नहीं गिरी, बेरोजगारी चरम पर है। इन सब मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा संशोधित नागरिकता कानून लाई है। विद्यार्थी सड़कों पर आंदोलित हैं। उनकी बात सुनी जाए। मालूम हो कि बिजनौर में गत शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इसमें 2 लोग मारे गए थे तथा अनेक अन्य घायल हो गए थे।
उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार की गई पार्टी कार्यकर्ता को रिहा करने की भी मांग की। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जाफर पुलिस से अराजक तत्वों को पकड़ने को कह रही थीं, मगर पुलिस ने उन्हें बुरी तरह मारापीटा। वह 2 बच्चों की मां हैं। यह सरासर ज्यादती है।
इस बीच, हजरतगंज के कोतवाल धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा ने बताया कि सदफ को गत गुरुवार को राजधानी में हुई हिंसा के दौरान बलवाइयों के साथ गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है।