नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई 'प्रो-खालिस्तानी' अकाउंट्स पर रोक लगाई गई है। कनाडा के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के लीडर जगमीत सिंह, कनेडियन कवयित्री रूपी कौर, यूनाइटेड सिख ऑर्गेनाजेशन और कनाडा के एक्टिविस्ट गूरदीप सिंह सहोता के अकाउंट्स ब्लॉक किए गए हैं।
यह कदम फिलहाल में विदेश में हो रहे अत्यधिक खालिस्तानी गतिविधियों के मामले सामने आने की वजह से उठाया गया है। खालिस्तान के सर्मथकों ने लंदन की इंडियन हाई कमिशन की ईमारत को नुकसान पहुंचाया। इतना ही नहीं, तोड़-फोड़ के बाद अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर भी आक्रमण किया गया।
सोशल मीडिया पर खालिस्तान के सर्मथकों द्वारा लंदन में इंडियन हाई कमिशन की ईमारत में तोड़-फोड़ मचाई। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक खालिस्तानी सर्मथक ईमारत पर चढ़कर भारतीय तिरंगे को हटा देता है और उसकी जगह खालिस्तान का झंडा लगाने की कोशिश की जाती है। हालांकि भारतीय तिरंगे को सर्मथकों के हाथ लगने से बचा लिया जाता है। इस पूरी घटना के जवाब में भारत ने इंडियन हाई कमिशन की ईमारत पर एक विशाल तिरंगा लगाकर, खालिस्तानी सर्मथकों को करारा जवाब दिया।
बता दें कि खालिस्तानी आंदोलन और 'वारिस पंजाब दे' के लीडर 'भिंडरांवाले 2.0' यानी अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है। पंजाब सरकार ने मंगलवार तक इंटरनेट और SMS सेवाएं रद्ध करने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतपाल सिंह को पाकिस्तानी एजेंसी ISI समेत कनाडा, यूएस, इंग्लैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ईटली से करोड़ों की फंडिंग मिलने की खबर के बाद NSA को भी शामिल किया गया है।
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