Priyanka Gandhi Enforcement Directorate : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा द्वारा वर्ष 2005-06 में हरियाणा में एक रियल एस्टेट एजेंट से जमीन के तीन भूखंडों की खरीद मामले की जांच की जा रही है। इसके अलावा ईडी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा किए गए जमीन के सौदे की भी जांच कर रही है।
ईडी ने हाल ही में इससे जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में दायर किए गए एक आरोपपत्र में यह दावा किया।
ईडी ने इस मामले में नवंबर में अनिवासी भारतीय कारोबारी सी सी थम्पी के खिलाफ एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र (अभियोजन शिकायत) दायर किया था। थम्पी का संबंध कथित तौर पर रॉबर्ट वाद्रा और सुमित चड्ढा से बताया जा रहा है। सुमित चड्ढा कथित बिचौलिए संजय भंडारी का एक रिश्तेदार है।
हालांकि ईडी ने अपने आरोप-पत्र में रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी वाद्रा को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया है, लेकिन यह पहली बार है कि शिकायत में उनका नाम एक साथ लिया गया है।
दिल्ली में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने 22 दिसंबर को इस आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया और मामले को अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी, 2024 को सूचीबद्ध किया।
भंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया था और ब्रिटिश सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के कानूनी अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए जनवरी में भारत में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। दोनों केंद्रीय एजेंसियां विदेश में कथित अघोषित संपत्ति रखने के लिए कथित बिचौलिए भंडारी के खिलाफ धनशोधन और कर चोरी के आरोपों की जांच कर रही है।
क्या बोली कांग्रेस : गुरुवार को हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, पार्टी के मीडिया सेल के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि इसमें कोई दम नहीं है। यह भाजपा की साजिश है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि ईडी तो लगातार विपक्षी नेताओं को निशाना बना ही रही है, लेकिन यह बात ध्यान रखने की है कि जब तक कोई दोषी साबित नहीं होता, तब तक वह बेगुनाह ही होता है।
ईडी ने अपने आरोप-पत्र में कहा कि 2015 में 67 वर्षीय थम्पी के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का मामला दर्ज करने के बाद उसे वाद्रा दंपति की जमीन खरीद और बिक्री लेनदेन का पता चला। एजेंसी ने कहा कि रॉबर्ट वाद्रा और थम्पी के बीच 'एक लंबा और गहरा रिश्ता' मौजूद था।
इस मामले में ईडी पहले भी रॉबर्ट वाद्रा से पूछताछ कर चुकी है और उन्होंने जमीन सौदे में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने से इनकार किया था।
ईडी ने कहा कि थम्पी ने 2005-2008 के बीच दिल्ली-एनसीआर स्थित रियल एस्टेट एजेंट एच एल पाहवा के माध्यम से हरियाणा के फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में लगभग 486 एकड़ जमीन खरीदी थी।
ईडी ने अपने आरोप-पत्र में कहा कि यह उल्लेख करना जरूरी है कि रॉबर्ट वाद्रा ने 2005-2006 तक एच एल पाहवा से अमीरपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन भूखंड खरीदे और दिसंबर 2010 में उसी जमीन को एच एल पाहवा को बेच दिया। इसके अलावा रॉबर्ट वाद्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाद्रा ने अप्रैल 2006 में एच एल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीरपुर गांव में 40 कनाल (पांच एकड़) की कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में वही जमीन एच एल पाहवा को बेच दी।
ईडी ने कहा कि पाहवा को भूमि अधिग्रहण के लिए बही-खातों से नकदी मिल रही थी। यह भी देखा गया कि रॉबर्ट वाड्रा ने पाहवा को पूरी धनराशि नहीं दी। इस संबंध में जांच अभी भी जारी है।
इस मामले में थम्पी को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था और ईडी ने एक हालिया बयान में आरोप लगाया था कि वह रॉबर्ट वाद्रा का करीबी सहयोगी है। थम्पी फिलहाल जमानत पर बाहर है।
ईडी ने 2015 के काला धन निरोधक कानून के तहत भंडारी के खिलाफ दायर आयकर विभाग के आरोप-पत्र का संज्ञान लेते हुए फरवरी 2017 में भंडारी और अन्य के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। भाषा