जम्मू। जम्मू कश्मीर में इस माह के प्रारंभ में अवैध आव्रजकों के विरूद्ध चलाए गए विशेष अभियान में यहां हिरासत में लिए गए 150 से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी।
प्रवक्ता ने बताया कि ये लोग कठुआ जिले के एक विशेष केंद्र में रखे गए हैं जहां उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू के संभागीय आयुक्त राघव लांगेर बुधवार को हीरानगर में इस केंद्र में गए और उन्होंने वहां लोगों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं पर संतुष्टि प्रकट की।
छह मार्च को शहर में सत्यापन अभियान के दौरान करीब 168 रोहिंग्याओं को अवैध रूप से रहते हुए पाए जाने पर उन्हें इस केंद्र में भेज दिया गया था। रोहिंग्या म्यांमार के बंगाली भाषी मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। उनमें से कई अपने देश में हिंसा के बाद भागकर भारत आ गए।
जम्मू में कई राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों ने केंद्र से रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को वापस भेजने के वास्ते कदम उठाने की अपील की है, जो अवैध रूप से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। इन दलों एवं संगठनों का आरोप है कि उनकी मौजूदगी जनसांख्यिकी चरित्र को बदलने की साजिश एवं शांति के लिए खतरा है।
सरकारी आंकड़े के अनुसार जम्मू कश्मीर के जम्मू और सांबा जिलों में रोहिंग्या मुसलमानों एवं बांग्लादेशियों समेत 13700 से अधिक विदेशी बसे हुए हैं और उनकी जनसंख्या में 2008 से 2015 के बीच 6000 से अधिक वृद्धि हुई।(भाषा)