मुंबई। आर्थिक पुनरुद्धार और स्थिर वित्तीय संकेतकों की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा अगले वित्त वर्ष में स्थिर बना रहेगा और इस दौरान नियामकीय उदारता में भी धीरे-धीरे कमी आएगी। रेटिंग एजेंसी की एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है।
फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि तनावग्रस्त ऋण की पहचान करने को टालने के कारण नियामकीय उदारता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तत्काल पूंजी आवश्यकताओं को पार कर चुकी है और इस मोर्चे पर निजी क्षेत्र के बैंक अधिक प्रतिस्पर्धी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, निजी क्षेत्र के बैंक पुनरुद्धार का लाभ उठाने के लिए बेहतर स्थिति में हैं और ऋण तथा जमा दोनों ही मोर्चों पर अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना जारी रखेंगे। इस रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि अगले वित्त वर्ष में बैंकों की आय और लाभप्रदता में सुधार होगा।(भाषा)