नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को देश के 15 राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए। सुरक्षा बलों ने देशभर में 5 हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। कई स्थानों पर मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी आपत्तिजनक पोस्ट हटाने को कहा गया है।
दिल्ली का हाल बेहाल : राष्ट्रीय राजधानी में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर लगी रोक के बावजूद सड़कों पर उतरने के चलते सैकड़ों छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया, जिससे शहर में यातायात प्रभावित हुआ।
ज्यादातर स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और प्रदर्शनकारियों ने नये कानून पर अपना विरोध व्यक्त करने के लिए नारे लगाये। प्रदर्शनकारियों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को बर्बरतापूर्ण बताया।
कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दिल्ली में सुरक्षा बलों को गुलाब के फूल दिए और कहा कि पुलिस जितना चाहें उन्हें लाठी मार सकती है, लेकिन उनका संदेश घृणा के बदले में प्यार है।
यूपी में हिंसक प्रदर्शन, योगी ने संभाली कमान : उत्तर प्रदेश में हिंसक संघर्ष हुआ जहां 12 से अधिक वाहनों को जला दिया गया। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई। लखनऊ और संभल में नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हीं उपद्रवियों से इसकी वसूली की जाएगी और सीसीटीवी फुटेज के जरिये दोषियों की पहचान की जायेगी।
बिहार में भी पथराव और आगजनी : बिहार में भी पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आई है जबकि कई राज्यों में रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित रहा। पटना, दरभंगा खगड़िया में ट्रेनें रोकी गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती दिखाते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया।
मंगलुरु में पुलिस गोलीबारी में 2 की मौत : कर्नाटक के कई शहरों में इस नए कानून के खिलाफ निषेधाज्ञा के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। वहीं, मंगलुरू में उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठी चार्ज किया और हवा में गोलियां चलाईं। वहां हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई। इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित पूरे राज्य में प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
इन राज्यों में भी पहुंची विरोध की आग : महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में भी विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि यहां प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी प्रदर्शन हुए।
बंगाल में गरजी ममता : कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह व्यापक मत हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी।
पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर देसी बम फेंकने के लिए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।