उत्तरप्रदेश के हाथरस एक लड़की की शर्मनाक मौत और आधी रात के समय की उसकी अंत्येष्टि को लेकर न सिर्फ उत्तरप्रदेश बल्कि पूरे देश में सवाल उठ रहे हैं। इस घटना के बाद राज्य की योगी सरकार भी सवालों के घेरे में आ गई।
आरोप है कि दलित समुदाय की एक युवती के साथ दुष्कर्म की घटना घटित हुई थी, उसके बाद बर्बरतापूर्वक उसकी गर्दन तोड़ दी गई, जीभ काट दी गई। इलाज के दौरान पीड़ित युवती की सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। यहां न तो मीडिया को जाने दिया गया न ही राजनीतिक दलों के नेताओं को।
पीड़िता के भाई ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि परिवार ने अपनी बेटी को आखिरी बार तभी देखा जब उसकी मौत हुई थी। इसके बाद उसका चेहरा तक नहीं दिखाया गया। हमारा सवाल तो यह है कि आखिर आधी रात को किसका शव जलाया गया? भाई ने कहा कि आखिर शव को पेट्रोल डालकर क्यों जलाया गया? किसके कहने पर शव जलाया गया?
पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि हमें न तो किसी से मिलने दिया जा रहा है और न ही किसी से बात करने दी जा रही है। इस बीच, यूपी के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी पीड़िता के परिजनों से मिलने घर पहुंचे। राहुल और प्रियंका गांधी ने इस पूरे मामले को एक बार फिर तूल दे दिया है। 1 अक्टूबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर रोकने के बाद शनिवार को एक बार फिर हाथरस के लिए रवाना हुए।
दूसरी ओर, केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म को लेकर हो रही राजनीति की निंदा करते हुए शनिवार कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले में एसआईटी गठित कर दी है और जांच रिपोर्ट के आते ही तुरंत यथोचित कार्रवाई की जाएगी।
ईरानी ने कहा कि उन्होंने खुद मख्यमंत्री से बात की है। मुख्यमंत्री ने आरंभिक रिपोर्ट पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक को निलंबित भी किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोषियों को सजा देने के सख्त कदम उठाएंगे और हाथरस की पीड़िता को जरूर न्याय मिलेगा।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी पीड़िता के न्याय के लिए नहीं बल्कि राजनीति के लिए हाथरस जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस की राजनीति से वाकिफ है इसलिए जनता ने 2019 में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई।