नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दलित और बेटी विरोधी करार देते हुए सोमवार को कहा कि देश में बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अब मोदी सरकार का 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा 'बेटियों को भाजपा और उसके विधायकों से बचाओ' बन गया है।
गांधी ने दलितों पर अत्याचार की बढ़ती घटनाओं और कानून कमजोर करके उनका हक छीने जाने के लिए मोदी को आड़े हाथों लिया। गांधी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग की ओर से आयोजित देशव्यापी 'संविधान बचाओ' अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि मोदी ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 वर्ष की बच्ची और उन्नाव में भाजपा विधायक द्वारा एक लड़की के दुष्कर्म समेत देशभर में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चुप्पी साधे रखी। वे कठुआ और उन्नाव की घटना पर कुछ नहीं बोलते।
गांधी ने मोदी सरकार के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारे पर तंज कसा और कहा कि अब यह नारा 'बेटियों को भाजपा और उसके विधायकों से बचाओ' में बदल गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने भाषण की शुरुआत मोदी की पुस्तक 'कर्मयोगी' में उनके विचारों को उद्धृत करते हुए की और कहा कि इस किताब से दलितों के बारे में लोगों को प्रधानमंत्री की सोच और विचारधारा पता लग जाएगी।
गांधी ने इस पुस्तक में मोदी के हवाले से कहा कि वाल्मीकि समाज के लोग शौचालय साफ करने और मैला ढोने का काम पेट पालने के लिए नहीं करते हैं बल्कि इससे उन्हें 'आध्यात्मिकता' की प्राप्ति होती है। मोदी ने इस पुस्तक में कहा कि वाल्मीकि समाज के लोग पीढ़ियों से यह काम करते आ रहे हैं। वे यह काम छोड़ भी सकते थे लेकिन उन्होंने इसे नहीं छोड़ा, क्योंकि यह उनकी आध्यात्मिकता थी। इस पर वहां उपस्थित जनसमुदाय ने 'शर्म करो, शर्म करो' के नारे लगाए।
गांधी ने कहा कि इससे मोदी की सोच और विचारधारा का पता लगता है। एक बार मोदी ने एक व्यक्ति से पूछा कि उन्हें समझ में नहीं आता कि देश के दलितों में उनके खिलाफ गुस्सा क्यों है? गांधी ने कहा कि दलित उनसे गुस्सा इसलिए करते हैं, क्योंकि उनकी विचारधारा दलित विरोधी है।
गांधी ने कहा कि मोदी शासन में देश में खासकर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र जैसे भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं। (वार्ता)