Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राहुल का बड़ा हमला, टीआरपी राजनीति में मोदी की दिलचस्पी...

हमें फॉलो करें राहुल का बड़ा हमला, टीआरपी राजनीति में मोदी की दिलचस्पी...
नई दिल्ली , शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016 (10:54 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह अपनी छवि में कैद हो गए हैं और टीआरपी की राजनीति कर रहे हैं जबकि देश को उनके गुरूर और अक्षमता के कारण नुकसान उठाना पड़ा है।
 
अपनी मां सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी छवि का गुलाम करार देते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी छवि बनाने के लिए देश की जनता को मुश्किल में डाल दिया है। विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री संसद में उनकी बात नहीं सुन रहे हैं।
 
राहुल गांधी ने कहा कि अगर मोदी लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सदस्यों के विचारों को सुनते तो ऐसी विनाशकारी नीतिगत गलतियों को करने से उन्हें रोका जा सकता था जो अभी वह कर रहे हैं।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने देश को कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं दिया जो अपनी छवि में कैद हो और टीआरपी के मुताबिक अपनी रणनीति बनाता हो। हमने ऐसा प्रधानमंत्री नहीं दिया जिसने अपनी छवि बनाने के लिए देश की जनता को मुश्किलों में डाल दिया हो। हमने देश को ऐसा प्रधानमंत्री भी नहीं दिया जिसने संस्थाओं में बैठे लोगों के अनुभवों को दरकिनार किया हो। देश को हमारे प्रधानमंत्री के गुरूर और अक्षमता के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

राहुल ने कहा कि देश के लोगों की आवाज को सुनना ही एकमात्र रास्ता है जिससे वह अपनी छवि के जाल से 
 
निकल पाएंगे और जो उन्हें प्रभावी प्रधानमंत्री बनाएगा। लेकिन वह लगातार ऐसा करने से इंकार कर रहे हैं।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी ने अपने नोटबंदी के विनाशकारी प्रयोग के जरिये दुनिया की सबसे 
 
तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। उन्होंने कहा कि गलत तरीके से तैयार और आधे अधूरे 
 
तरीके से लागू किए गए इस फैसले के परिणाम जल्द ही पूरी दुनिया के समक्ष आ जाएंगे।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि सभी प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री इसकी पहले ही निंदा कर चुके हैं और इसे लेकर जो लक्ष्य 
 
निर्धारित किये गए हैं, उसे हासिल करने पर सवाल उठा चुके हैं। मोदीजी ने व्यापक नया भ्रष्ट कालाबाजार खड़ा किया 
 
है जो दिनरात कालेधन को सफेद करने में लगा हुआ है।
 
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की पूरी नकदी अर्थव्यवस्था को कालेधन के रूप में गुमराह किया और 86 प्रतिशत भारतीय बैंक नोटों को अमान्य कर दिया तथा 1.3 अरब लोगों के वित्तीय भविष्य के साथ प्रयोग करने का निर्णय किया।
 
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण नकदी कालाधन नहीं है और सम्पूर्ण कालाधन नकदी नहीं है। उन्होंने कहा कि कालाधन 
 
को निशाना बनाने की बजाय उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के आधार पर ही आघात कर दिया।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जब कश्मीर जल रहा है तब मोदी इस पर चुपचाप बैठे हैं और उन्होंने पीडीपी से 
 
गठबंधन करके भारत विरोधी ताकतों को शह दी है।
 
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान नीति पर प्रहार करते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब मोदी संप्रग की पाकिस्तान नीति को लेकर दोष देते थे.. 'आज वही व्यक्ति चुप बैठा हुआ है।' उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने पाकिस्तान को अलग थलग किया और कश्मीर में शांति लाने का काम किया था।
 
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी को इतिहास में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जायेगा जिन्होंने भाजपा.पीडीपी के बीच अवसरवादी गठबंधन करके भारत विरोधी ताकतों को व्यापक राजनीतिक अवसर प्रदान कर दिया। उन्होंने राजनीतिक शून्य पैदा कर दिया जिससे आतंकवादियों को काम करने का मौका मिला।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि राजग सरकार की पाकिस्तान नीति पूरी तरह से विफल है। भारत के लोग लम्बे भाषणों और गैर जिम्मेदाराना बयानों से प्रभावित क्यों होंगे जबकि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमारे सैन्य शिविरों में घुसकर हमारे जवानों को मार रहे हैं?
 
राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा समर्थन किया और ऐसे हर कदम का हमेशा समर्थन करेगी जिससे भारत को आतंकवाद को पराजित करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का मकसद सीमापार से पाकिस्तान को हमला करने से रोकना था लेकिन उसके बाद से 21 बार बड़े हमले हुए।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि लेकिन इसकी कीमत कौन चुका रहा है, कम से कम प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री तो नहीं। इसकी कीमत हमारे सैनिक और उनके परिवार के लोग चुका रहे हैं। अब तक 85 सैनिक शहीद हो चुके हैं जो इस दशक में सर्वाधिक संख्या है। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सचिवालय में ही ममता डटीं, पूछा यह सैन्य तख्तापलट तो नहीं