Women's Reservation Bill : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसे तत्काल पारित करवाकर इसका क्रियान्वयन तुरंत सुनिश्चित किया जाना चाहिए। राहुल ने कहा, विधेयक में ओबीसी को आरक्षण देने का प्रावधान होना चाहिए। उनके लिए आरक्षण का प्रावधान इसमें नहीं है और इस वर्ग के साथ न्याय नहीं है।
गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि महिलाओं ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी है। महिलाएं हर तरह की लड़ाई लड़ने में समर्थ हैं और उनकी हक की लड़ाई आज भी जारी है। महिलाओं के लिए आज आरक्षण आवश्यक है, इस लिहाज से यह विधेयक बहुत महत्वपूर्ण है। इस विधेयक को तुरंत ही लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया, सरकार ने इस विधेयक को लागू करने के लिए नहीं बनाया है, बल्कि इसके माध्यम से अडाणी मुद्दे और जाति जनगणना के मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने का प्रयास किया गया है। महिलाओं ने आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया, लेकिन मेरे हिसाब से यह विधेयक अधूरा है, क्योंकि इसमें ओबीसी आरक्षण की बात नहीं की गई है।
उन्होंने कहा, इस विधेयक के क्रियान्वयन के लिए नई जनगणना कराने के साथ ही नया परिसीमन करना होगा, लेकिन मेरा इस विधेयक को लेकर नजरिया अलग है, मेरा मानना है कि इस विधेयक को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा, विधेयक में ओबीसी को आरक्षण देने का प्रावधान होना चाहिए। इस श्रेणी में देश की बड़ी आबादी की महिलाएं आती हैं लेकिन उनके लिए आरक्षण का प्रावधान इसमें नहीं है और इस वर्ग के साथ न्याय नहीं है।
उन्होंने कहा, विधेयक के क्रियान्वयन के लिए परिसीमन की बात है लेकिन मेरा मानना है कि इस तरह से महिलाओं को उनके हक देने से टालने का प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए, इसलिए इस विधेयक को जल्दी लागू किया जाना चाहिए और देश की महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण तुरंत दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, सरकार महिला आरक्षण विधेयक लेकर आ रही है और महिलाओं के सशक्तीकरण की बात करती है, लेकिन देश की महिला राष्ट्रपति नए संसद भवन की पूरी प्रक्रिया में कहीं नजर नहीं आ रही हैं। हमारे संस्थानों में ओबीसी की भागीदारी बड़ा सवाल है। लोकसभा, विधानसभा तथा अन्य संस्थानों में मैंने देखा है कि 90 सचिव हैं और वे ही हिंदुस्तान की सरकार चलाते हैं।
राहुल कहा, सवाल है कि इनमें कितने सचिव ओबीसी वर्ग से हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि 90 सचिवों में से सिर्फ तीन ही ओबीसी वर्ग से हैं। देश में कितने ओबीसी है, कितने आदिवासी हैं, कितने दलित हैं, इसका जवाब सिर्फ जाति आधारित गणना है।
Edited By : Chetan Gour