Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राहुल गांधी : साक्षात्कार से साक्षात्कार तक...

हमें फॉलो करें राहुल गांधी : साक्षात्कार से साक्षात्कार तक...
, बुधवार, 13 दिसंबर 2017 (14:52 IST)
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद एक टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में राहुल गांधी बेहद संतुलित और संयंमित नजर आए। राहुल के आत्मविश्वास और बेबाक अंदाज ने राजनीतिक पंडितों को भी चौका दिया। 
 
ऐसा प्रतीत होता है कि गुजरात चुनाव ने राहुल गांधी को राजनीतिक रूप से बेहद परिपक्व कर दिया है। उन्होंने न सिर्फ भाजपा पर संयंमित रूप से निशाना साधा बल्कि मोदी दवारा उठाए मणिशंकर अय्यर और पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर भी बेबाकी से अपनी राय रखी। 
 
अगले कुछ दिनों में कांग्रेस की कमान संभालने जा रहे गांधी ने बुधवार को एक चैनल के साथ बातचीत में कहा कि मोदी के बारे में मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता ने कहा कि वह साफ संदेश दे चुके हैं कि प्रधानमंत्री देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और उस पद का सम्मान होना चाहिए। मोदी से हमारे मतभेद हैं वह हमारे बारे में चाहे जो भी बोलें लेकिन कांग्रेस की ओर से उस तरह की बात नहीं की जाएगी। 
 
राहुल ने कहा कि गुजरात के लोगों में भाजपा के प्रति काफी गुस्सा है और वहां लोगों की सोच बदली है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के लोगों को कोई 'विजन' नहीं दे पाए इसलिए ये चुनाव एकतरफा होंगे और भाजपा के लिए चौंकाने वाले होंगे।
 
इस चुनाव में कांग्रेस के लिए धुआंधार प्रचार कर चुके गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य के हर वर्ग से पूछकर अपना घोषणापत्र तैयार किया और राज्य को एक 'विजन' दिया है जो वहां की जनता का 'विजन' है। राहुल का बातें करने का अंदाज अब लोगों को आकर्षित करने लगा है। 
  
कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के मोदी के बयान के बारे में गांधी ने कहा कि कांग्रेस एक विचारधारा है जो प्यार और सबको साथ लेकर चलने की बात करती है। इससे भारत को मुक्त नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में वह इस विचारधारा को फैलाने का काम करेंगे। उनका प्रयास राजनीतिक संवाद के तौरतरीकों को बदलने का होगा। गुस्से से नहीं प्यार से बातचीत होनी चाहिए। राहुल का यह अंदाज ही डूबती कांग्रेस में नई जान फूंक सकता है।
 
राहुल का यह अंदाज 2014 में अर्णब गोस्वामी को दिए साक्षात्कार से बिल्कुल जुदा है। उस समय के राहुल से अब के राहुल की तुलना की जाए तो यह स्पष्ट दिखाई देता है कि राहुल अब राजनीतिक रूप में पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। 
 
उस साक्षात्कार में राहुल गांधी में आत्मविश्वास नदारद दिखाई दे रहा था। कई सवालों का जवाब देने में वह अटक रहे थे। र राहुल पर यह भी आरोप लगा कि साक्षात्कार में उनके लगभग 30 प्रतिशत जवाब ही सवालों के हिसाब से थे, बाकी जो भी उन्होंने कहा वह सब महिला सशक्तिकरण के बारे में था।
 
गुजरात चुनाव में उन्होंने सभी बातों को करीब से देखा। राजनीतिक चुस्ती, युवाओं को साधने की कला और सोशल मीडिया पर सक्रियता ने लोगों के प्रति उनके नजरिए को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा दी। लोग अब उनकी बातों को गंभीरता से लेने लगे हैं। अब देखना यह है कि उनका यह आत्मविश्वास किस तरह कांग्रेस को भाजपा के सामने संगठित रूप से खड़े होने में मदद करता है।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महान सम्राट विक्रमादित्य का इतिहास