भुवनेश्वर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा का राजनीति में आना अचानक से नहीं हुआ है क्योंकि अपने बच्चों के बड़े होने के बाद उन्होंने पार्टी में भूमिका निभाने का फैसला किया था।
उन्होंने यहां संवाद सत्र में एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रियंका के राजनीति में उतरने के समय के बारे में फैसला कुछ वर्ष पहले किया गया था। वह बच्चों की वजह से इसमें देरी कर रही थीं।
उन्होंने कहा, 'अब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं। उनमें से एक विश्वविद्यालय में दाखिल हो गया है। दूसरा भी बड़ा हो गया है। इसलिए, उन्होंने राजनीति में उतरने का फैसला किया।
प्रियंका की राजनीतिक भूमिका पर गांधी ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की है। उस राज्य से बाहर उनकी भूमिका के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।
प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में उतरने की घोषणा बुधवार को की गई और उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। उन्होंने कहा कि उनके और प्रियंका के बीच मजबूत रिश्ता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम दोनों ने काफी मुश्किल वक्त का सामना किया है। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी, पिता राजीव गांधी की हत्या और उसके बाद परिवार में राजनीतिक उतार-चढ़ाव को याद किया। गांधी ने कहा, 'इन घटनाओं ने हमें करीब लाया। सभी लोग सोचते हैं कि हमारे लिए सबकुछ आसान रहा है, लेकिन हमने कुछ बेहद मुश्किल हालात देखे हैं। उसने हमें एकसाथ ला दिया।'
उनके बीच के समीकरण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'अगर हम अलग-अलग कमरों में बैठे हैं और आप हमसे एक ही सवाल पूछते हैं, तो 80 फीसदी समय आपको एक ही जवाब मिलेगा।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह और उनकी बहन दोनों एक-दूसरे को जगह देने में विश्वास करते हैं और जब उनके व्यक्तिगत संबंधों की बात आती है तो दोनों के बीच निरंतर आदान प्रदान तथा पारस्परिकता की भावना रहती है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच काफी बातचीत होती है।
प्रियंका के राजनीति में आने से भाजपा में बौखलाहट क्यों : प्रियंका गांधी वाड्रा के बारे में बिहार सरकार के एक मंत्री के विवादित बयान को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा पर निशाना साधा औेर सवाल किया कि आखिर प्रियंका के सक्रिय राजनीति में उतरने को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी में बौखलाहट क्यों है।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, 'मैं किसी भी घटिया टिप्पणी को अपनी प्रतिक्रिया से सम्मान नहीं दे सकता।ऐसी बातें शायद प्रधानमंत्री को अच्छी लगें। इस पर प्रधानमंत्री जी को और अमित शाह जी को बोलना चाहिए कि क्या वे ऐसी घटिया टिप्पणियों का अनुमोदन करते हैं? देश ये जानना चाहता है।'