लंदन। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना अरब जगत के इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की और आरोप लगाया कि आरएसएस भारत के स्वभाव को ‘‘बदलने’’ और इसकी संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।
मुस्लिम ब्रदरहुड अरब जगत में सबसे पुराना राजनीतिक इस्लामी संगठन है। अरब के कुछ देशों में इसे आधिकारिक राजनीतिक पार्टी के तौर पर काम करने की इजाजत नहीं है।
लंदन स्थित थिंक टैंक अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (आईआईएसएस) को संबोधित करते हुए राहुल ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह भारत के स्वभाव को बदलने और इसकी संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।
राहुल ने कहा, 'आरएसएस भारत के स्वभाव को बदलने की कोशिश कर रहा है। अन्य पार्टियों ने भारत की संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की है।' उन्होंने कहा, 'आरएसएस का विचार अरब जगत में मुस्लिम ब्रदरहुड के विचार जैसा ही है।'
नोटबंदी की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी का विचार सीधा आरएसएस से आया, वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनदेखी की गई और प्रधानमंत्री के दिमाग में बात डाली गई।
गौरतलब है कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था, जिसके तहत 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पाबंदी लगा दी गई थी।
नोटबंदी का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि इससे काला धन, अवैध गतिविधियों एवं आतंकवाद पर लगाम लगेगी।
राहुल ने कहा कि भारत की आर्थिक ताकत लाखों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में निहित है, क्योंकि वे नौकरियां पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा, 'जब कोई समूचे संस्थागत ढांचे की अनदेखी करता है और देश में नोटबंदी का फैसला करता है तो उससे भारत की ताकत बढ़ती नहीं है।' (भाषा)