लंदन। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पिछले सात दशक के दौरान सत्ता के विकेंद्रीकरण की वजह से भारत में बड़ा बदलाव आया और वह एक सशक्त राष्ट्र बनकर उभरा लेकिन मोदी सरकार के चार साल के दौरान जिस तरह से सत्ता का केंद्रीकरण हुआ है उससे देश कमजोर हो गया है।
गांधी ने लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश ने सत्ता के विकेंद्रीकरण के कारण सफलता हासिल की है लेकिन पिछले चार वर्षों में स्थिति बदल गई और इस दौरान बड़े पैमाने पर सत्ता का केंद्रीकरण हुआ है जिसके कारण भारत कमजोर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देश की सवा अरब से ज्यादा की आबादी में भेदभाव पैदा नहीं किया जाना चाहिए और यदि ऐसा करने का प्रयास किया गया तो भारत की ताकत कम हो जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज मैं भारत को अपनी ताकत बढ़ाते नहीं देख पा रहा हूँ। मौजूदा सरकार के बारे में मेरी मुख्य शिकायतों में से एक यह है कि मुझे भारत की ताकत के अनुरूप कोई सुसंगत रणनीति नहीं दिख रही है। मुझे केवल तात्कालिक प्रतिक्रियाएं दिखती हैं।
उन्होंने नोटबंदी को लेकर भी मोदी सरकार पर तीखा हमला किया और कहा कि नोटबंदी का विचार वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक को नज़रंदाज़ करके, सीधे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से आया और प्रधानमंत्री के दिमाग में बैठा दिया गया।'
गांधी ने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि चीन आगे बढ़ रहा है और इसके परिणाम दुनिया के सामने हैं। इस स्थिति में भारत दुनिया में संतुलन की भूमिका निभा सकता है और विश्व को सुरक्षित जगह बनाने में अहम योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि चीन के साथ भारत का पारंपरिक इतिहास रहा है, लेकिन जहां तक लोकतांत्रिक ढाँचे की बात है, भारत यूरोपीय देशों के ज्यादा करीब है। (वार्ता)