मुंबई। बैंकिंग सेक्टर में हुई बिकवाली के दबाव में शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में 4 दिन की तेजी थम गई और बीएसई का सेंसेक्स 84.96 अंक की गिरावट में करीब 1 सप्ताह के निचले स्तर 38251.80 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 25.65 अंक लुढ़ककर 11557.10 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई के 20 में से 12 समूहों में गिरावट रही। बैंकिंग का सूचकांक सबसे ज्यादा 0.80 प्रतिशत टूटा। टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद और एफएमसीजी समूहों में भी आधा फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में यस बैंक ने सर्वाधिक साढ़े 3 फीसदी का नुकसान उठाया। आईसीआईसीआई बैंक और हीरो मोटोकॉर्प के शेयर 2 प्रतिशत से अधिक फिसल गए।
गुरुवार को अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर रहा सेंसेक्स शुक्रवार को 30.03 अंक की बढ़त में 38366.79 अंक पर खुला और एशियाई बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के बीच खुलते ही लाल निशान में चला गया। हालांकि धातु तथा समूहों में लिवाली के दम पर यह तुरंत हरे निशान में भी आ गया। वेदांता ने सेंसेक्स में सबसे ज्यादा सवा 4 प्रतिशत का मुनाफा कमाया। ओएनजीसी के शेयर करीब 2 प्रतिशत और रिलायंस इंडस्ट्रीज के आधा फीसदी से अधिक चढ़े।
पहले घंटे के कारोबार में ही 38429.50 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर को छूने के बाद बिकवाली के दबाव में एक बार फिर सेंसेक्स लाल निशान में चला गया। दोपहर बाद 38172.77 अंक के दिवस के निचले स्तर तक उतरने के बाद अंतत: यह गत दिवस के मुकाबले 0.22 प्रतिशत यानी 84.96 अंक नीचे 38251.80 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का 17 अगस्त के बाद का निचला स्तर है। सूचकांक की 30 में से 17 कंपनियों के शेयर लाल और शेष 13 के हरे निशान में रहे। (वार्ता)