नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नोटबंदी (Demonetisation) को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कदम का मकसद अपने कुछ उद्योगपति मित्रों की मदद करना था और इसने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को बर्बाद कर दिया।
गांधी और कांग्रेस आरोप लगाते रहे हैं कि 2016 में की गई नोटबंदी लोगों के हित में नहीं थी और इसने अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर डाला है। इस आरोप का सरकार ने बार-बार खंडन किया है।
नोटबंदी के विरोध में पार्टी के ऑनलाइन अभियान 'स्पीक अप एगेंस्ट डिमो डिजास्टर' के तहत जारी एक वीडियो में गांधी ने कहा कि सवाल यह है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कैसे भारत की अर्थव्यवस्था से आगे बढ़ गई, क्योंकि एक समय था जब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे उच्च प्रदर्शन वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार कहती है कि इसका कारण कोविड (Covid-19) है, लेकिन अगर यह वजह है तो कोविड बांग्लादेश और विश्व में अन्य जगह भी है। कारण कोविड नहीं है, नोटबंदी और जीएसटी कारण हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक हमला शुरू किया था। उन्होंने किसानों, श्रमिकों और छोटे दुकानदारों को नुकसान पहुंचाया था। मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को दो प्रतिशत का नुकसान होगा, और यह हमने देखा था।
गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह काले धन के खिलाफ लड़ाई है, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक झूठ था। यह आप पर हमला था। मोदी आपका पैसा लेना चाहते थे और उसे अपने 2-3 उद्योगपति मित्रों को देना चाहते थे। आप लाइनों में खड़े हुए, उस लाइन में उनके उद्योगपति मित्र नहीं थे। आपने अपना पैसा बैंकों में रखा और प्रधानमंत्री मोदी ने उस पैसे को अपने दोस्तों को दिया और उन्हें 3,50,000 करोड़ रुपए की कर्ज माफी दी।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मोदी ने त्रुटिपूर्ण जीएसटी लागू किया और छोटे, मध्यम कारोबार बर्बाद हो गए, क्योंकि उन्होंने अपने तीन-चार पूंजीपति दोस्तों के लिए रास्ता साफ किया।
गौरतलब है कि आठ नवंबर 2016 को रात आठ बजे प्रधानमंत्री मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को उसी दिन आधी रात से बंद करने की घोषणा की थी और इनकी जगह 500 के नए नोट चालू किए थे। (भाषा)