दिल्ली और एनसीआर में हो रही बारिश आफत बन गई है। सड़कों पर जलभराव हो गया है या सड़क धंस गई है। गर्मी से निजात दिलाने वाली यह बारिश राहत की जगह दुखदायी हो गई है, सड़कें जलमग्न होने से निचले इलाकों घरों में पानी घुस गया है, वहीं पॉश इलाके भी जलमग्न हो गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली से महज कुछ किलोमीटर गाजियाबाद के इंदिरापुरम में स्थित शिप्रा सृष्टि सोसायटी के पास सड़क धंस गई। सड़क धंसने से काफी बड़ा गड्ढा हो गया। गनीमत रही कि जानमाल की हानि नहीं हुई।
गाजियाबाद में सड़क धंसने की सूचना मिलते ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उस रोड से यातायात के लिए बंद कर दिया। यही नहीं, मूसलधार बारिश के चलते नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी भारी जलभराव होने के कारण सड़कों पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। अंडरपासों में पानी भरने से वाहन फंस गए। इसके चलते आम नागरिकों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भादो की बारिश इस तरह के पानी की निकासी के लिए किए गए दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।
गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में जलभराव के चलते पॉश इलाके इंदिरापुरम कॉलोनी में भी पानी भर गया। वहां के स्थानीय निवासियों ने गणमान्य और प्रशासन को जगाने के लिए हाथ में बैनर-पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बैनर पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ था कि यदि गाजियाबाद और क्षेत्र का विकास नहीं होगा तो आगामी चुनाव में वोट भी नहीं दिए जाएंगे। पिछले कुछ माह से इंदिरापुरम क्षेत्र के लोग जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है इसलिए 2022 के चुनाव में वे अपने मत का प्रयोग नहीं करेंगे।
गाजियाबाद जिले के नेशनल हाईवे 58 मोदी नगर का भी यही हाल था। बारिश का पानी सड़कों पर पानी भरा हुआ है जिसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो ये कोई सरोवर है। नगर निगम द्वारा सीवर लाइन निर्माण कार्य चलने के कारण पूरा मोदी नगर क्षेत्र पानी में डूब गया।
यही हाल मेरठ की सड़कों का है। यहां पिछले 15 घंटे से रुक-रुककर बारिश हो रही है। तेज बारिश की झड़ी से सड़कें लबालब हो गई हैं, वहीं घरों में पानी घुस गया। यह समस्या नगर निगम की उदासीनता का नतीजा है, क्योंकि पानी निकासी करने नाले पटे हुए हैं, नालों की सफाई न होने से घरों से जुड़ी नालियां बंद हो जाती हैं। बारिश के साथ एनसीआर में इस तरह की तस्वीरें स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रही हैं।