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Weather Updates: पंजाब से हिमाचल तक बारिश का कहर, दिल्ली में कैसा रहेगा मौसम

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 18 अगस्त 2023 (08:54 IST)
Weather Updates: राष्ट्रीय राजधानी में अगले 4 दिनों के दौरान आमतौर पर बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को एक बुलेटिन (bulletin) में यह जानकारी दी। इस मानसून सीजन (monsoon season) में पंजाब से हिमाचल तक बारिश का कहर जारी है। आईएमडी ने अनेक राज्यों में वर्षा की संभावना जताई है।
 
आईएमडी के मुताबिक गुरुवार को अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस मौसम के औसत तापमान से 3 डिग्री अधिक है, वहीं न्यूनतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री अधिक है। इससे पहले मंगलवार और बुधवार को शहर में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 131 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। आईएमडी के बुलेटिन में कहा गया है कि शाम साढ़े 5 बजे सापेक्षिक आर्द्रता 53 प्रतिशत दर्ज की गई।
 
पंजाब में सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने 300 लोगों को बचाया : कपूरथला और गुरदासपुर से मिले समाचारों के अनुसार सेना और एनडीआरएफ के दलों ने गुरुवार को पंजाब के कपूरथला जिले में बाढ़ग्रस्त गांवों से लगभग 300 लोगों को बचाया। कपूरथला के उपायुक्त करनैल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना की 6 टीम ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए 6 नौकाएं लगाईं और निकाले गए सभी लोगों को राहत शिविरों में भेज दिया गया है।
 
भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते कुल 22 गांव प्रभावित हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार तक स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि कुछ बाढ़ प्रभावित लोग अपने खेतों की देखभाल के लिए 'धूसी बंधों' (तटबंधों) के अंदर 'डेरों' में रह रहे हैं जबकि लगभग 40 लोग अपने टूटे हुए घरों और अपने मवेशियों को छोड़ने के अनिच्छुक हैं।
 
इस सप्ताह पोंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद होशियारपुर, गुरदासपुर, रूपनगर और कपूरथला जिलों के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए। गुरदासपुर जिले के कुछ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य में सेना और एनडीआरएफ की टीम भी मदद कर रही हैं।
 
अधिकारियों ने कहा कि जिले में चिकित्सा दलों को नावों से घरों में भेजा गया है ताकि 3 दिन से अपने घरों में फंसे उन लोगों की जांच की जा सके और जो बाहर नहीं जाना चाहते हैं। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्थिति का जायजा लेने के लिए नाव से होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
 
मान ने कहा कि राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर सहित पूरी सरकारी मशीनरी संकट की इस घड़ी में लोगों की सेवा में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में बाढ़ के कारण लोगों को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए पहले ही विशेष गिरदावरी का आदेश दे दिया है।
 
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हिमाचल प्रदेश में मृतकों की संख्या बढ़कर 74 हुई : शिमला से मिले समाचारों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के शिमला में शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने और चंबा जिले में 2 और लोगों की मौत के बाद प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 74 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
 
शिमला में ही 3 जगहों- समर हिल में स्थित शिव मंदिर तथा फागली और कृष्णनगर में हुए भूस्खलन की वजह से 21 लोगों की मौत हुई है। मंदिर के मलबे में अब भी 8 लोगों के दबे होने की आशंका है। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि बुधवार को समर हिल भूस्खलन स्थल पर श्रमिकों ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में गणित विभाग के प्रमुख पीएल शर्मा का शव निकाला।
 
राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार चंबा जिले में बारिश से संबंधित 2 मौतों की सूचना मिली है जिसके बाद पिछले 4 दिनों में प्रदेश में जान गंवाने वालों की संख्या 74 हो गई है। प्रदेश में बीते 3 दिनों के दौरान भारी बारिश दर्ज की गई जो रविवार से शुरू हुई। मंगलवार के बाद बारिश कम हुई है। गुरुवार को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई।
 
प्रदेश में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में 217 लोगों की मौत हो गई है। गांधी ने बताया कि शिमला में अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि अब तक समर हिल से 14 शव, फागली से 5 शव और कृष्णा नगर से 2 शव बरामद किए गए हैं। सेना, वायुसेना और अन्य बचाव कर्मियों ने बाढ़ प्रभावित कांगड़ा जिले के फतेहपुर और इंदौरा के पोंग बांध से 309 लोगों को निकाला है। पिछले 3 दिनों में इन इलाकों से 2074 लोगों को निकाला गया है।
 
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को मंडी जिले के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के मटेहड़ी, बालद्वारा, मसेरन और जुकैन के बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां लोगों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों को सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
 
प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने बुधवार को कहा कि मानसून मौसम के दौरान हुआ नुकसान 7,500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य में 875 सड़कें अवरुद्ध हैं और 1,135 ट्रांसफार्मर और 285 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। सुक्खू ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मानसून में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढांचों के पुननिर्माण में 1 साल का समय लगेगा।
 
सुक्खू ने कहा था कि पिछले महीने जुलाई और इस सप्ताह हुई भारी बारिश की वजह से राज्य में अनुमानित 10,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों और जल परियोजनाओं के पुनर्निर्माण में समय लगता है, लेकिन सरकार इस प्रक्रिया में तेजी ला रही है।
 
उन्होंने कहा कि हमें 1 साल के भीतर बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बहाल करना होगा। मैं इसी को ध्यान में रखकर काम कर रहा हूं। राज्य सरकार ने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि खर्च करने की शर्तों में गुरुवार को ढील दे दी, वहीं लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 254 सड़कों के उन्नयन के लिए 2,643 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
 
उत्तराखंड में रामझूला पुल दोपहिया वाहनों के लिए बंद : ऋषिकेश के निकट स्थित रामझूला पुल पर गुरुवार को दोपहिया वाहनों का आवागमन अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया। पुल के अबटमेंट (आधार) से आगे उफनाई गंगा नदी के बहाव के कारण हुए भू-कटाव की वजह से प्रशासन ने जनसुरक्षा में यह कदम उठाया।
 
मुनि की रेती पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि सुबह पहले पुल को सभी के आवागमन के लिए बंद किया गया था, लेकिन बाद में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाने के बाद इसे केवल दोपहिया वाहनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया।
 
उत्तराखंड में विभिन्न जगहों पर हुई मूसलधार बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर हरिद्वार और ऋषिकेश, दोनों जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गया था। उन्होंने कहा कि गंगा के बढ़े जलस्तर से नदी के किनारों पर पुल के नीचे उसके आधार के आगे भू-कटाव हो रहा है।
 
औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अमृतसर, देहरादून, बरेली, गोरखपुर, पटना, बांकुरा, दीघा और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी से होकर गुजर रही है। एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तर-पूर्व और इससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर समुद्र तल से 4.5 और 7.6 किमी ऊपर है। इसके प्रभाव से 18 अगस्त को उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिमी उत्तरप्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
 
दक्षिण आंतरिक कर्नाटक से कोमोरिन क्षेत्र तक उत्तर-दक्षिण ट्रफ बनी हुई है। एक पश्चिमी विक्षोभ को मध्य-क्षोभमंडलीय पछुआ हवाओं में एक गर्त के रूप में देखा जाता है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर, 68 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ 32 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में होती है।
 
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज शुक्रवार को गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, दक्षिणपूर्व उत्तरप्रदेश और बिहार में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है। पूर्वोत्तर भारत, उपहिमालई पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वी उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्सों, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
 
दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्व भारत और गुजरात, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर, आंतरिक कर्नाटक में 1 या 2 स्थानों और आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में 1 या 2 स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।(एजेंसियां)
 
Edited by: Ravindra Gupta


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