Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Rajasthan political crisis : सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचे, सोनिया गांधी से मिलने की संभावना

हमें फॉलो करें Ashok Gehlot
, बुधवार, 28 सितम्बर 2022 (23:11 IST)
जयपुर। Rajasthan political crisis News : कांग्रेस अध्‍यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन भरने को लेकर संशय के बीच बुधवार रात नई दिल्‍ली रवाना हुए, जहां उनके कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करने की संभावना है।
 
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गहलोत विशेष विमान से रात साढ़े नौ बजे नई दिल्ली रवाना हुए। गहलोत का पहले दोपहर में दिल्‍ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन इसमें तीन बार बदलाव हुआ, वहीं दिन में कई मंत्री और विधायक गहलोत से मिलने उनके आवास पहुंचे।
 
कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री आज शाम पांच-साढ़े पांच बजे नेतृत्व और संगठन के रूप में एक अभिभावक के तौर पर 102 विधायकों की भावना को व्यक्त करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। इसके साथ ही खाचरियावास ने मुख्‍यमंत्री के त्यागपत्र देने की खबरों का खंडन किया। उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभी इस्तीफा नहीं दे रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं, यह आलाकमान के साथ बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा।
 
गहलोत ने कहा था कि वे पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे, लेकिन राज्य में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से चीजें कुछ अस्‍पष्‍ट हो गई हैं। गहलोत के वफादार विधायकों ने राज्‍य में मुख्‍यमंत्री बदले जाने पर आपत्ति जताई है। गहलोत के दिल्ली दौरे से पहले कुछ मंत्री और विधायक उनसे मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे।
webdunia
खाचरियावास के अलावा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की। खाचरियावास ने कहा कि यह एक नियमित बैठक थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन भरेंगे या नहीं, यह फैसला आलाकमान का होगा।
 
गहलोत कांग्रेस द्वारा उनके तीन वफादार मंत्रियों शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को ‘गंभीर अनुशासनहीनता’ के आरोपों में कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के एक दिन बाद नयी दिल्ली रवाना हुए। कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने मंगलवार रात को धारीवाल, जोशी तथा राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे 10 दिन के भीतर यह बताने के लिए कहा था कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
 
कांग्रेस विधायक दल की बैठक कराने यहां आए कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने सोमवार को कहा था कि (गहलोत के वफादार विधायकों द्वारा) विधायक दल की आधिकारिक बैठक में न आकर उसके समानांतर बैठक करना अनुशासनहीनता है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्‍यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार विधायक इसमें नहीं आए। इन विधायकों ने धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ सीपी जोशी से मिलने गए और अपने इस्‍तीफे उन्‍हें सौंपे।
 
पार्टी के सामने राजस्थान प्रकरण एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष ने संकट को हल करने के लिए देशभर के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बातचीत शुरू कर दी है।
 
मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी और पवन कुमार बंसल सहित कई नाम पार्टी अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार के लिए सामने आए हैं। हालांकि उनमें से अधिकतर ने खुद को दौड़ से बाहर कर दिया।
 
सूत्रों के अनुसार पार्टी के शीर्ष पद के लिए गहलोत का नाम अभी पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है। समझा जाता है कि सोनिया गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं एके एंटनी और सुशील कुमार शिंदे को परामर्श के लिए दिल्ली बुलाया था। इस बात की भी संभावना है कि नए पर्यवेक्षक राजस्थान भेजे जा सकते हैं और शिंदे उनमें से एक हो सकते हैं।
 
सूत्रों ने कहा कि गहलोत ने सोनिया गांधी के समक्ष अपना पक्ष रख दिया हैं और समझा जाता है कि उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। इस बीच, सचिन पायलट भी दिल्ली पहुंच गये हैं।
 
गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पसंदीदा माना जाता था और उन्हें सोनिया गांधी का आशीर्वाद प्राप्त था। ताजा घटनाक्रम ने पार्टी के शीर्ष पद के लिए उनकी संभावनाओं को धूमिल कर दिया है, हालांकि वे अभी तक दौड़ से बाहर नहीं हुए हैं। गहलोत के भाग्य पर संशय के बीच, पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने मंगलवार को कहा था कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल ने नामांकन पत्र एकत्र कर लिया है, लेकिन वे (नामांकन पत्र) किसी और के लिए हो सकते हैं। बंसल ने कहा कि वे दौड़ में नहीं हैं।
 
मिस्त्री ने कहा कि शशि थरूर 30 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और उनके प्रतिनिधि को आज दो और नामांकन प्रपत्र मिले हैं। मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से उनके 10 जनपथ आवास पर मुलाकात की और पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए उन्हें क्यूआर-कोडेड पहचान-पत्र सौंपा। बाद में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से मुलाकात की और उन्हें पहचान पत्र सौंपा।

दिल्ली पहुंचने पर क्या बोले : दिल्ली पहुंचने के बाद गहलोत ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि मैं इंदिराजी के समय से देखता आ रहा हूं। हमेशा पार्टी में अनुशासन है। इसलिए पार्टी के चाहे 44 सांसद आएं या 52 आएं, लेकिन पूरे देश में वह राष्ट्रीय पार्टी है और उसकी नेता सोनिया गांधी हैं। सोनिया गांधी जी के अनुशासन में पूरे देश में कांग्रेस है... ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं।
 
उनका कहना था कि मेरा दृष्टिकोण कुछ अलग हो सकता है, (लेकिन) हम सबके दिल के अंदर नंबर एक बात होती है कि हम कांग्रेस अध्यक्ष के अनुशासन में काम करते हैं। मेरे हिसाब से, आने वाले वक्त में फैसले होंगे।
 
गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश के ऊपर संकट है, उसे मीडिया को पहचानना चाहिए। आज पत्रकार और लेखक संकट में हैं। देशद्रोह के नाम पर लोग जेल भेजे जा रहे हैं। हमें उन लोगों की चिंता है जिनके लिए राहुल गांधी (भारत जोड़ो यात्रा पर) निकल पड़े हैं। महंगाई, बेरोजगारी और देश में चल रही तानाशाही प्रवृत्ति की राहुल गांधी को चिंता है और हम सबको चिंता है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए इनसे (समस्याओं से) मुकाबला करना ज्यादा जरूरी है। ये (सियासी संकट) घर की बातें हैं, आतंरिक राजनीति में चलता रहता है, ये हम सब सुलझा लेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

PFI धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने में शामिल, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा