नई दिल्ली। आतंकवादी सरगना हाफिज सईद को राजनीतिक वैधता देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि देश की अखंडता को बरकरार रखने के लिए सुरक्षा बल जरूरत पड़ने पर नियंत्रण रेखा पार कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान चाहती है और इसकी तरफ से नियुक्त वार्ताकार बातचीत करने के इच्छुक किसी भी पक्ष से वार्ता को तैयार हैं।
'न्यूज18 राइजिंग इंडिया शिखर सम्मेलन' में उन्होंने कहा कि हम न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं बल्कि देश की रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर सीमा भी लांघ सकते हैं। भारतीय सेना ने सितंबर 2016 में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लांच पैड पर सर्जिकल हमले किए थे और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए उन्हें काफी क्षति पहुंचाई थी।
गृहमंत्री ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध रखना चाहता है लेकिन पाकिस्तान इसके लिए इच्छुक नहीं है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 हमले के सरगना हाफिज सईद को राजनीतिक वैधता दे रहा है।
बहरहाल, गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने में सफलता पाई है तथा पहले कोई भी पाकिस्तान के आतंकवाद की बात नहीं करता था लेकिन अब अमेरिका भी पाकिस्तान की निंदा करता है।
इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को कश्मीर मुद्दे पर वार्ताकार नियुक्त करने का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि जो भी वार्ता के लिए इच्छुक है, वार्ताकार उससे बातचीत करेंगे। (भाषा)