श्रीनगर। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने पथराव में शामिल गुमराह युवाओं को माफ करने का फैसला किया था, क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य के प्रति चिंतित है।
राजनाथ गुरुवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी पहुंचे। वे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए 2 दिन के दौरे पर आए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि कहीं के भी बच्चे समान होते हैं। हमारा मानना है कि कुछ युवाओं को पथराव के लिए गुमराह किया गया था। बच्चे गलतियां कर सकते हैं इसीलिए हमने पथराव में शामिल बच्चों को माफ करने का फैसला किया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल के अंत में पथराव में शामिल युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का आदेश दिया था। राजनाथ ने युवाओं से विध्वंस का मार्ग छोड़ने की अपील की और कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने यहां शेर-ए-कश्मीर इंडोर स्टेडियम में एक खेल समारोह में कहा कि मैं युवाओं से अपील करना चाहता हूं कि वे विकास का मार्ग अपनाएं। उन्हें विध्वंस के मार्ग पर नहीं जाना चाहिए। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल में जम्मू-कश्मीर के लिए अत्यधिक प्रेम है।
उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को सुरक्षित भविष्य उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है और यह शिक्षा की शक्ति तथा खेल के चमत्कार से किया जा सकता है। खेल अवसंरचना में सुधार के वास्ते किए जा रहे कार्यों के लिए राज्य सरकार की सराहना करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि मंसर और पहलगाम में जलक्रीड़ा को बढ़ावा देने के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा। खेल अवसंरचना विकास के लिए धन का इंतजाम किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद से हम राज्य का चेहरा और तकदीर बदल देंगे।
उन्होंने परवेज रसूल, मेहराजुद्दीन, राजिंदर सिंह, मंजूर डार और तजामुल इस्लाम सहित राज्य के खिलाड़ियों को संबोधित किया। गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में महान प्रतिभा है तथा यदि स्थितियां सही हों तो राज्य से इस तरह के कई और खिलाड़ी निकल सकते हैं। (भाषा)