जयपुर। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा है कि पाकिस्तान (Pakistan) लगातार आतंकवाद के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है और अगर वह आगे भी ऐसी हरकतें करता रहा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।
सिंह ने आज जयपुर जिले के धानक्या में भाजपा के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 103वीं जयंती समारोह में कहा कि उनकी सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के रास्ते पर चलकर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 एवं 35 ए को समाप्त कर दिया, जो पड़ोसी देश को हजम नहीं हो रहा है, उसे यह हजम करना ही पड़ेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि वे पाकिस्तान को हिदायत दे चुके हैं कि वर्ष 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध में उसके दो टुकड़े हुए और वह ऐसी गलती फिर नहीं दोहराना और अच्छी तरह समझ लेना है, लेकिन वह बराबर आतंकवाद के साथ भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है।
भारत में पिछले दिनों 40 से अधिक जवानों की हत्या कर दी गई। इसके बाद पाकिस्तान में बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करना पड़ा। सिंह ने कहा कि भारत ने कभी पाकिस्तान की संप्रभुता को चुनौती नहीं दी, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से आगे भी ऐसा ही चलता रहा तो अब कुछ नहीं कहा जा सकता।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के वजूद को स्वीकार नहीं करते, क्योंकि पाकिस्तान ने उस पर कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में इसके लिए 24 सीटें खाली रखी गई हैं। उन्होंने कहा कि बस इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते।
सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी कहा था कि अनुच्छेद 370 समाप्त होनी चाहिए और इसके लिए अनुमति नहीं होने के बावजूद ये दोनों कश्मीर गए और मुखर्जी ने तो इसके लिए अपना बलिदान भी दे दिया।
उन्होंने कहा कि जनसंघ के समय से लेकर हम हमेशा कहते आ रहे थे कि जब हमारी सरकार बनेगी तो कश्मीर में अनुच्छेद 370 एवं 35 ए खत्म करेंगे, लेकिन इसे कोई मानने को तैयार नहीं था और कहा जाता था कि ये धोखा देंगे, लेकिन चुनाव हारना स्वीकार करेंगे, धोखा नहीं देंगे।
अनुच्छेद 370 पर मिला मुस्लिम संगठनों का साथ : उन्होंने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर दिखा दिया है कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने का मुस्लिम संगठनों ने भी समर्थन किया है, हमारी विचारधारा ही ऐसी है।
राजनीति इंसाफ एवं मानवता के आधार पर करते है। पहले देश में कानून बनता था, लेकिन कश्मीर में लागू नहीं होता था। जिससे वहां के लोग इससे वंचित रह जाते थे, लेकिन अब फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब कोई भेदभाव एवं उत्पीड़न नहीं होगा।