नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दी है कि देश में और बड़ा किसान आंदोलन खड़े होते देर नहीं लगेगी।
टिकैत की यह चेतावनी सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति कृषि कानूनों को निरस्त करने के पक्ष में नहीं थी। ऐसे में अब किसान नेताओं को एक बार फिर कृषि कानूनों को वापस लाए जाने की आशंका होने लगी है।
टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि तीन कृषि कानूनों के समर्थन में घनवट ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट सार्वजनिक कर साबित कर दिया है कि वे केंद्र सरकार की ही कठपुतली थे। इसकी आड़ में इन बिलों को फिर से लाने की केंद्र की मंशा है तो देश में और बड़ा किसान आंदोलन खड़े होते देर नहीं लगेगी।
इससे पहले टिकैत ने 21 मार्च को ट्वीट कर कहा था कि भारत सरकार हमेशा से किसानों के साथ वादाखिलाफी करती है। इसका एक जीता जागता उदाहरण देखने को मिला हरियाणा में। हरियाणा जिले के कैथल में पूंडरी, पेहवा सहित पांच और मंडियों को बंद करके गेहूं की आपूर्ति सीधे सोलुमाजरा में अडानी के बड़े गोदामों में करने का आदेश पारित किया है।