मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लोगों की साख के बारे में सूचना और सेवा देने वाले वित्तीय संस्थानों और कंपनियों को लेकर शिकायत निपटान व्यवस्था मजबूत करेगा। साथ ही ग्राहक सेवा को मजबूत करने एवं उसमें सुधार के लिए एक व्यापक रूपरेखा भी तैयार की जाएगी। कर्ज को लेकर ग्राहकों की साख के बारे में जानकारी देने वाली कंपनियों के कामकाज के संबंध में ग्राहकों की शिकायतें बढ़ने के साथ यह निर्णय लिया गया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि आरबीआई ने लोगों को उनकी साख के बारे में सूचना और सेवा देने वाले वित्तीय संस्थानों (सीआई) और कंपनियों (सीआईसी) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लेकर शिकायत निपटान व्यवस्था और ग्राहक सेवा को मजबूत करने एवं उसमें सुधार के लिये एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने का निर्णय किया है। इसके लिए सीआईसी को रिजर्व बैंक की एकीकृत ओम्बुड्समैन योजना के दायरे में लाया गया है।
इसके अलावा, क्रेडिट जानकारी को अद्यतन करने या सुधार में देर होने पर मुआवजा व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया गया है। साथ ही क्रेडिट सूचना कंपनियों से किसी ग्राहक के बारे में साख संबंधी जानकारी प्राप्त करने पर संबंधित ग्राहक को SMS/ईमेल के जरिए सूचित करने का प्रावधान भी किया गया है।
इतना ही नहीं क्रेडिट संस्थानों से क्रेडिट सूचना कंपनियों को मिलने वाले आंकड़ों के लिए समय सीमा और सीआईसी की वेबसाइट पर प्राप्त ग्राहक शिकायतों की संख्या और प्रकृति से संबंधित जानकारी देने का प्रावधान करने का भी निर्णय किया गया है।