नई दिल्ली। लोकसभा की बैठक गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद का बजट सत्र समाप्त होने के बाद संसद भवन से विजय चौक तक 'तिरंगा मार्च' निकाला।
कांग्रेस के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसे समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों और वाम दलों के सांसदों ने पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे मार्च शुरू किया। हाथों में तिरंगा में ले रखे ये सांसद लोकतंत्र की हत्या बंद करो के नारे लगा रहे थे।
विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दौरान समन्वय दिखाया है और 13 मार्च को इसके दूसरे चरण के शुरू होने के बाद से उन्होंने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किए हैं।
उल्लेखनीय है कि केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने तथा दो साल की सजा सुनाये जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया।
हंगामे की भेंट चढ़ा बजट सत्र का दूसरा हिस्सा : बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हालांकि विपक्ष की अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग और लोकतंत्र को लेकर लंदन में राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से माफी मांगने पर जोर देने के कारण हुए हंगामे की भेंट चढ़ गया।
गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर काले कपड़े पहले कांग्रेस सदस्यों सहित कुछ विपक्षी दलों के सांसद आसन के समीप आकर जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज का लेखजोखा प्रस्तुत किया।
बजट सत्र में कितना काम : बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के 11वें सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई जिस दिन राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया। इस पर 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा चली और प्रधानमंत्री ने इसका जवाब दिया। सभा ने सर्वसम्मति से अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया। इस सत्र के दौरान सदन में लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कामकाज हुआ।
लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। सदन में इस पर 14 घंटे और 45 मिनट तक चर्चा हुई और वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने इसका जवाब दिया। सदन ने अनुदान की मांगों और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दी। सत्र के दौरान 8 विधेयक पुन: स्थापित किए गए और पांच विधेयक पारित हुए।
बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान 29 तारंकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए और 133 लोक महत्व के विषय उठाए गए। स्थायी समितियों के 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आपन के समीप नारेबाजी करते रहे।
हंगामाई सांसदों को स्पीकर की नसीहत : लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि आपका जिस प्रकार का आचरण है, वह सदन की उच्च परंपरा के अनुरूप नहीं है। इस तरह से सदन की गरिमा को गिराना कतई उचित नहीं है। मैं सदन में चर्चा कराना चाहता हूं, मैंने हमेशा चर्चा के लिए समय दिया है। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि आप सदन में चर्चा नहीं करना चाहते और कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन में राष्ट्रगीत वंदे मातरम की धुन बजाई गई। इसके बाद बिरला ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।