मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 'लॉकडाउन' के कारण विदेशी बाजारों से लिए गए वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) का उपयोग नहीं करने वाली कंपनियों को राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि बिना उपयोग वाली एक मार्च, 2020 से पहले ईसीबी के जरिए जुटाई गई राशि देश के बैंकों में मियादी जमा के रूप में एक मार्च, 2022 तक रखी जा सकती है।
ईसीबी नियम के तहत कर्जदारों को भारत में मियादी जमा के रूप में राशि अधिकतम 12 महीने के लिए रखने की अनुमति है। केंद्रीय बैंक ने विकासात्मक और नियामकीय नीतियों पर अपने बयान में कहा, कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण पहले से ईसीबी के जरिए जुटाई जा चुकी राशि के उपयोग में कठिनाइयों को देखते हुए, इस मामले में एक बारगी राहत देने का निर्णय किया गया है।
इसके तहत एक मार्च, 2020 से पहले जुटाई गई बिना उपयोग वाली ईसीबी राशि को मियादी जमा के रूप में एक मार्च, 2022 तक एडी (अधिकृत डीलर) श्रेणी-I के बैंकों में रखा जा सकता है। केंद्रीय बैंक इस संदर्भ में अलग से दिशानिर्देश जारी करेगा।
इस बीच, आरबीआई ने यह भी कहा कि वित्तीय समावेश सूचकांक (एफआई सूचकांक) हर जुलाई में प्रकाशित किया जाएगा। यह सूचकांक पिछले मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के लिए होगा।(भाषा)