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RBI ने MasterCard पर देश में नए ग्राहक बनाने को लेकर लगाया प्रतिबंध, जानिए क्यों

हमें फॉलो करें RBI ने MasterCard पर देश में नए ग्राहक बनाने को लेकर लगाया प्रतिबंध, जानिए क्यों
, गुरुवार, 15 जुलाई 2021 (00:10 IST)
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को मास्टरकार्ड एशिया पैसेफिक पर 22 जुलाई से नए क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड ग्राहक बनाने को लेकर पाबंदी लगा दी। कंपनी द्वारा आंकड़ा रखरखाव नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर यह कदम उठाया गया है।

 
देश में कार्ड जारी करने वाली बड़ी इकाई मास्टरकार्ड तीसरी प्रमुख भुगतान प्रणाली परिचालक है जिस पर भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव पर आरबीआई के निर्देश का अनुपालन न करने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले आरबीआई ने अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड को आंकड़ा रखे जाने से जुड़े मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों को जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया था। मास्टरकार्ड ने अपने बयान में कहा कि वह आरबीआई के इस रुख से निराश है।

 
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने आज (बुधवार) मास्टर कार्ड एशिया पैसेफिंग पीटीई लि. (मास्टर कार्ड) पर 22 जुलाई, 2021 से डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड कार्ड के नए घरेलू ग्राहक बनाने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया। आरबीआई ने हालांकि कहा कि इस कदम से मास्टरकार्ड के मौजूदा ग्राहकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मास्टरकार्ड पर पाबंदी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि कंपनी को पर्याप्त समय और अवसर देने के बाद भी वह भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव पर दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रही है।
 
मास्टरकार्ड एक भुगतान प्रणाली परिचालक है, जो भुगतान और निपटान प्रणाली कानून 2007 (पीएसएस कानून) के तहत देश में कार्ड नेटवर्क के परिचालन के लिए अधिकृत है। केंद्रीय बैंक के अनुसार भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव को लेकर 6 अप्रैल, 2018 को परिपत्र जारी किया गया था। इसके तहत सभी संबंधित सेवा प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि वे 6 महीने के भीतर भुगतान व्यवस्था से संबंधित सभी आंकड़े केवल भारत में ही रखने की व्यवस्था करें। साथ ही उन्हें इसके अनुपालन के बारे में आरबीआई को जानकारी देनी थी।
 
मास्टरकार्ड ने बयान में कहा कि कंपनी कानून और नियामकीय दायित्वों को पूरा करने लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वर्ष 2018 में देश में ही घरेलू भुगतान लेन-देन आंकड़ा रखे जाने की आवश्यकता वाले आरबीआई के निर्देश के जारी होने के बाद से हमने अपनी गतिविधियों और अनुपालन के बारे में लगातार जानकारी और रिपोर्ट प्रदान की है। बयान के अनुसार कि हालांकि हम आरबीआई के रुख से निराश हैं, लेकिन हम उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त विवरण प्रदान करने को लेकर उनके साथ काम करना जारी रखेंगे।(भाषा)

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