मुंबई। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में सरकार की ओर से तीन नए सदस्यों की नियुक्ति के बाद अब इसकी तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शु्क्रवार को मौद्रिक नीति को लेकर समिति के निर्णय की जानकारी दी जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक इस बार प्रमुख नीतिगत दर में किसी भी तरह के बदलाव से दूर रह सकता है।
रिजर्व बैंक ने इससे पहले 28 सितंबर को एमपीसी की बैठक को आगे के लिए टाल दिया था। समिति की बैठक में कम से कम चार सदस्यों की उपस्थिति होनी जरूरी है। समिति में स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक को टालना पड़ा। यह बैठक 29 सितंबर से शुरू होनी थी।
सरकार ने जैसे ही एमपीसी में तीन स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति कर दी उसके अगले ही दिन रिजर्व बैंक ने सात से नौ अक्टूबर के बीच द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक की घोषणा कर दी। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जारी वक्तव्य में कहा, मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 7 से 9 अक्ट्रबर 2020 को होनी तय की गई है।
सरकार ने एमपीसी में तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। तीन जानेमाने अर्थशास्त्रियों अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे को एमपीसी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इन सदस्यों की नियुक्ति चेतन घाटे, पामी दुआ, रविन्द्र ढोलकिया के स्थान पर की गई है। इनकी नियुक्ति एमपीसी में 29 सितंबर 2016 को चार साल के लिए की गई थी।
भिडे नेशनल काउंसिल फॉर एपलायड इकोनॉमिक रिसर्च में वरिष्ठ सलाहकार हैं वहीं गोयल इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में प्रोफेसर हैं। वर्मा भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं। छह सदस्यों वाली एमपीसी के अन्य तीन अन्य सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर, डिप्टी गवर्नर (मौद्रिक नीति के प्रभारी) और एक रिजर्व बैंक के अधिकारी जिनकी नियुक्त केन्द्रीय निदेशक मंडल द्वारा की जाती है शामिल होते हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी को 31 मार्च 2021 तक वार्षिक मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का काम दिया गया है। यह अधिक से अधिक 6 प्रतिशत तक और कम से कम दो प्रतिशत तक जा सकती है।(भाषा)