Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़े नाटकीय घटनाक्रम के तहत रविवार को राकांपा नेता अजित पवार पार्टी में विभाजन की स्थिति पैदा करते हुए राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए। इस कदम ने उनके चाचा शरद पवार को चौंका दिया है जिन्होंने 24 साल पहले पार्टी की स्थापना की थी। अजित ने मुंबई में अपने आवास 'देवगिरि' में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ बैठक की थी। बैठक में राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले उपस्थित थीं।
दक्षिण मुंबई के राजभवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के आठ नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इस बीच सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी के 53 विधायकों में से 36 नए उपमुख्यमंत्री का पूरी मजबूती से समर्थन कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि पटना में हाल में हुई विपक्ष की बैठक में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले की मौजूदगी से अजित पवार और उनके समर्थक खफा थे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटे बाद राकांपा नेता अजित पवार ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने देश के विकास के लिए एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा बनने का फैसला किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने राकांपा में किसी भी तरह के विभाजन से इनकार करते हुए कहा कि वे भविष्य के सभी चुनाव राकांपा के चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे। अजित ने दावा किया, (पार्टी के) सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों ने सरकार में शामिल होने के फैसले का समर्थन किया है।
शरद पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिवसेना के साथ जाने का फैसला पार्टी का नहीं था। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि लोग चले गए हैं, बल्कि उन्हें उनके भविष्य की चिंता है।
उन्होंने कहा, पार्टी लाइन का उल्लंघन कर शिंदे सरकार में शामिल होने वालों पर फैसला लेना होगा। पवार ने कहा, आज का प्रकरण (उनकी पार्टी के विधायकों का शिंदे सरकार में शामिल होना) दूसरों के लिए नया हो सकता है, लेकिन मेरे लिए नहीं। इस बीच अजित पवार ने भाजपा के साथ सत्ता साझा करने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा, अगर हम शिवसेना के साथ जा सकते हैं, तो हम भाजपा के साथ भी जा सकते हैं। नगालैंड में भी यही हुआ।
उन्होंने कहा, समग्र और व्यापक विकास को ध्यान में रखते हुए फैसला किया गया है। हमारे पास प्रशासन का व्यापक अनुभव है, हम बेहतर काम करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। अजित ने कहा, मंत्रियों के विभागों की घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी और हम तुरंत इस पर काम करना शुरू करेंगे।
इससे पहले अपराह्न में राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। मंत्री पद की शपथ लेने वालों में छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे शामिल हैं।
राजभवन में मौजूद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित पवार ने निचले सदन में विपक्ष के नेता (एलओपी) के पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। राजभवन में विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल और राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने दावा किया कि राकांपा के 40 विधायकों (कुल 53 में से) ने राज्य सरकार का समर्थन किया है। राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल प्रस्तावित है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य अब एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों के साथ विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित के बारे में शिंदे ने कहा, विकास की राजनीति का विकास पुरुष द्वारा समर्थन किया जा रहा है। जब एक काबिल पार्टी कार्यकर्ता को दोयम दर्जे की भूमिका मिलती है, तो ऐसी चीजें होती हैं। शिंदे ने कहा, अब डबल इंजन की सरकार ट्रिपल इंजन की हो गई है। अब राज्य (विकास की राह पर) तेजी से आगे बढ़ेगा। अब हमारे पास एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं। इससे राज्य का तेजी से विकास करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले दिन में अजित ने मुंबई में अपने आधिकारिक आवास देवगिरि में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले उपस्थित थीं। हालांकि सुले बैठक से जल्द ही चली गईं।
हालांकि शरद पवार ने पुणे में कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार में राकांपा नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल करना एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद खोने की प्रक्रिया की शुरुआत है। मुंबई में राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)