CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर 3 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि अस्थाना का कहना है कि सीबीआई के मुखिया आलोक वर्मा उन्हें षड्यंत्रपूर्वक फंसा रहे हैं। गौरतलब है कि दो महीने पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक के खिलाफ शिकायत भी की थी। इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सीबीआई की साख जरूर दांव पर लग गई है।
क्या है पूरा मामला : CBI ने सतीश साना की शिकायत पर 15 अक्टूबर को राकेश अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मीट कारोबारी मोईन कुरैशी की कथित संलिप्तता से जुड़े 2017 के एक मामले में जांच का सामना कर रहे साना ने आरोप लगाया है कि अस्थाना ने मोईन को बचाने में मदद की है।
हैदराबाद के व्यवसायी सतीश बाबू साना का आरोप है कि कि उसने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर को पिछले वर्ष लगभग 3 करोड़ रुपए दिए थे। साना का यह बयान सीआरपीसी की धारा 164 के अंतर्गत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया है, जो कि कोर्ट में भी मान्य होगा। कुरैशी से 50 लाख रुपए लेने के मामले में साना भी जांच के घेरे में था। इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व अस्थाना ही कर रहे थे। सीबीआई ने बिचौलिया समझे जाने वाले मनोज प्रसाद को भी 16 अक्टूबर को दुबई से लौटने पर गिरफ्तार किया था।
1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना मांस कारोबारी कुरैशी की मामले की जांच कर रहे हैं। कुरैशी पर मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार समेत कई तरह के आरोप हैं। अस्थाना ने सीवीसी को फिर लिखा कि वह साना को गिरफ्तार कर पूछताछ करना चाहते हैं। माना जाता है कि अस्थाना की अगुवाई वाली टीम ने ही साना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था और सक्रिय कार्रवाई की वजह से साना देश छोड़कर नहीं भाग सका। अस्थाना ने कहा है कि इससे संबंधित फाइल डीओपी द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के साथ फिर 3 अक्टूबर को सीबीआई निदेशक के समक्ष फिर रखी गई, लेकिन अब तक यह नहीं लौटी है।
अस्थाना का आरोप : अस्थाना ने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) को पत्र लिखकर झूठे केस में फंसाने की आशंका जाहिर की थी। साथ ही कहा था कि उनके परिजनों की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि षड्यंत्रपूर्वक जांच टीम में अजय बस्सी को नियुक्त किया गया है, जिनकी छवि संदिग्ध है और वे नियम तोड़ने के लिए कुख्यात हैं।
कौन है मोईन कुरैशी : मांस कारोबारी कुरैशी का पूरा नाम मोईन अख्तर कुरैशी है। दून में स्कूल में पढ़ाई करने वाले मोईन के बारे में कहा जाता है कि उसके राजनीतिज्ञों से अच्छे संबंध रहे हैं। किसी समय उत्तर प्रदेश के रामपुर में छोटा-सा बूचड़खाना चलाने वाले कुरैशी की गिनती अब अरबपति कारोबारियों में होती है। उसकी देश-विदेश में कई कंपनियां हैं।
नरेन्द्र मोदी ने भी 2014 में चुनावी रैलियों में मोईन का उल्लेख किया था और कहा था कि कांग्रेस शासनकाल में उसके अच्छे संबंध थे, जिससे उससे पूछताछ नहीं हुई। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने उसे चुनाव के दौरान ही गिरफ्तार किया था। उस पर हवाला के जरिए दुबई, यूरोप आदि स्थानों पर अवैध रूप से धन भेजने के आरोप हैं।