नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा ने डॉक्टरों को सामूहिक रूप से देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की सिफारिश करते हुए शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।
इस प्रस्ताव में यह भी सिफारिश की गई है कि दिल्ली सरकार पद्म पुरस्कारों के लिए केवल डॉक्टरों एवं अर्धचिकित्साकर्मियों को नामित करे।
विपक्षी भाजपा ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन मांग की कि स्वच्छता कर्मियों, शिक्षकों एवं पुलिसकर्मियों जैसे अन्य कोरोना योद्धाओं को भी इस पुरस्कार के लिए नामित किया जाए।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज ने मानसून सत्र के दूसरे दिन यह प्रस्ताव पेश किया। इस पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डॉक्टरों ने ऐसे वक्त में मरीजों की सेवा की जब उनके अपने परिवार के लोग भी उन्हें छूना नहीं चाहते थे।
उन्होंने कहा,दिल्ली सरकार ने तय किया है कि हम बस डॉक्टरों एवं अर्धचिकित्साकर्मियों के नामों की पद्म पुरस्कारों के लिए सिफारिश करेंगे। हमें 15 सितंबर तक इन नामों की सिफारिश करनी है
दिल्ली सरकार ने 27 जुलाई को ही इस संबंध में घोषणा कर दी थी और उसे तो अब तक 2100 प्रविष्टियां मिल भी चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, हम केंद्र से देशभर के ऐसे सभी चिकित्सकों को पद्म पुरस्कार देने की अपील करते हैं और हम यह भी मांग करते हैं कि भारत के डॉक्टरों को सामूहिक रूप से भारत रत्न दिया जाए
केजरीवाल ने कहा कि भारतीय डॉक्टर सभी डॉक्टरों, अर्धचिकित्साकर्मियों, नर्सों, बार्ड ब्वाय आदि के लिए सामूहिक शब्द होगा, जिन्होंने महामारी के दौरान सेवा की।
हमारे डॉक्टरों एवं अर्धचिकित्साकर्मियों ने देश की सेवा के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। कुछ डॉक्टर छह महीने तक अपने घर नहीं जा सके और उन्होंने अपन परिवारों एवं अपनी परवाह किये बगैर मानवता की सेवा की, ऐसे वक्त में चिकित्सक बिरादरी के प्रति सर्वोच्च सम्मान व्यक्त करना पूरे समाज का दायित्व है। (भाषा)